वाराणसी
महादेव की नगरी काशी में बाबा विश्वनाथ के विवाह उत्सव का शुरू हो गया है। महंत आवास पर बाबा के तेल-हल्दी की रस्में अदा की गईं। मंगलगीत के बीच महिलाओं ने बाबा विश्वनाथ के रजत प्रतिमा पर हल्दी लगाई ।
मंदिर के पूर्व महंत कुलपति तिवारी के सान्निध्य में ये परम्परा निभाई गई। बताते चले कि बसंत पंचमी पर बाबा विश्वनाथ की प्रतिमा का तिलकोत्सव होता है। उसके बाद महाशिवरात्रि पर विवाह और रंगभरी एकादशी को गवना की रस्में धूमधाम से निभाई जाती हैं।
गूंजे मंगलगीत
मंदिर के पूर्व महंत कुलपति तिवारी के सान्निध्य में ये परम्परा निभाई गई। बताते चले कि बसंत पंचमी पर बाबा विश्वनाथ की प्रतिमा का तिलकोत्सव होता है। उसके बाद महाशिवरात्रि पर विवाह और रंगभरी एकादशी को गवना की रस्में धूमधाम से निभाई जाती हैं।
महाशिवरात्रि पर होगा विवाह
महाशिवरात्रि पर बाबा विश्वनाथ का पार्वती संग विवाह होता है। हर साल इस खास दिन पर वाराणसी में दर्जनों जगहों से भगवान भोले की बरात निकलती है और फिर विवाह का आयोजन होता है। इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए दूर-दूर से भक्त काशी आते हैं।