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Saturday, April 27, 2024

‘बन गई बात… 6 महीने बाद LAC पर खत्म होने जा रहा है भारत-चीन टकराव’

पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर छह महीने से अधिक समय तक भारत-चीन के बीच तनातनी के बाद आखिरकार दोनों देशों के बीच बात बनती दिख रही है। बताया जा रहा है कि चुशूल में 6 नवंबर को कॉर्प्स कमांडर स्तर की आठवें दौर की बातचीत में दोनों देश तनाव खत्म करने का रास्ता तलाशने में कामयाब रहे हैं। एशिया के दो शक्तिशाली देश पिछले कई महीनों से युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं। जून में दोनों सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हो चुकी है।

रक्षा सूत्रों ने एएनआई को बताया, ”अगले कुछ दिनों में दोनों पक्ष तनाव वाले कुछ इलाकों से हट सकते हैं, और चरणबद्ध तरीके से ऐसा करने के लिए तौर-तरीकों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।” उन्होंने आगे कहा, ”हालांकि, भारतीय पक्ष इस मामले में सावधानी पूर्वक आगे बढ़ रहा है, क्योंकि भारत चाहता है कि चर्चाओं और समझौतों को जमीन पर लागू किया जाए।”

जून में भी दोनों पक्षों ने पीछे हटने पर सहमित बनाई थी, लेकिन इसी दौरान गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी। झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। चीन के भी कई सैनिक मारे गए थे। हालांकि, चीन ने अभी तक यह स्वीकार नहीं किया है कि उसके कितने सैनिक मारे गए।

सूत्रों के मुताबिक, दोनों पक्षों में जो चर्चा हुई है उसमें टैंकों और बख्तरबंद वाहनों को मौजूदा पोजिशन से पीछे हटाना शामिल है। इस मामले में अगले कुछ दिनों में कुछ प्रगति हो सकती है। उन्होंने कहा, ”8वें दौर की बातचीत के बाद दोनों पक्षों को मौजूदा प्रस्तावों पर अमल से पहले कुछ और चर्चा करने की आवश्यकता है।” आज ही भारत और चीन ने कॉर्प्स कमांडर स्तर बातचीत पर संयुक्त बयान जारी किया है।

भारतीय सेना ने रविवार को कहा कि चीनी सेना के साथ लद्दाख में गतिरोध को लेकर हुई आठवें दौर की सैन्य वार्ता रचनात्मक रही और इस दौरान गहराई से और स्पष्ट बातचीत हुई। भारत और चीन की सेनाओं ने एक संयुक्त बयान में कहा कि वार्ता के दौरान दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति को गंभीरता से लागू करने और यह सुनिश्चित करने पर रजामंदी हुई कि सीमा पर तैनात बल संयम बरतें और गलतफहमी से बचें।

बीजिंग और नई दिल्ली में जारी बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने सैन्य और राजनयिक माध्यमों से वार्ता और संवाद बनाए रखने और पुराने मसलों के समाधान के लिए वार्ता को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई। भारतीय सेना और चीन की जनमुक्ति सेना (पीएलए) के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय हिस्से में स्थित चुशुल में शुक्रवार को आठवें दौर की उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता हुई थी। यह वार्ता करीब साढ़े 10 घंटे चली थी। वार्ता में दोनों देशों की सेनाओं ने जल्द ही पुन: मुलाकात करने पर सहमति जताई थी।

पूर्वी लद्दाख के विभिन्न पहाड़ी इलाकों में करीब 50 हजार भारतीय सैनिक शून्य से भी नीचे तापमान में युद्ध की उच्चस्तरीय तैयारी के साथ तैनात हैं। दोनों पक्षों के बीच गतिरोध को खत्म करने के लिए हुई कई दौर की बातचीत का कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है। अधिकारियों के मुताबिक, चीन ने भी लगभग इतने ही सैनिक तैनात किए हैं। दोनों पक्षों के बीच मई की शुरुआत में गतिरोध की स्थिति बनी थी।

प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार को कहा था कि भारत एलएसी में कोई बदलाव स्वीकार नहीं करेगा और सीमा पर झड़पों, अतिक्रमण और बिना उकसावे की सामरिक सैन्य कार्रवाइयों के बड़े संघर्षों में बदलने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। आठवें दौर की सैन्य बातचीत में भारतीय पक्ष का नेतृत्व लेह स्थित 14वीं कोर के नवनियुक्त कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने किया था। विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) नवीन श्रीवास्तव भी भारतीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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