फेसबुक पर लड़की के नाम से फर्जी प्रोफाइल बनाकर सेक्सटॉर्शन करने वाले गैंग के बदमाश को उत्तरी जिला के साइबर थाना पुलिस ने भरतपुर, राजस्थान से गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान गांव मुंडिया, तहसील नगर, भरतपुर निवासी आसिब खान (26) के रूप में हुई है। आरोपी बीएससी पास है।
पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि सेक्सटॉर्शन के जरिये इनका गैंग भोले-भाले लोगों को अपने जाल में फंसाकर उनकी अश्लील वीडियो बना लेते थे। इसके बाद खुद को क्राइम ब्रांच और यू-ट्यूब लीगल ऑफिशियल बताकर उनके खिलाफ शिकायत व बदनाम करने की धमकी दी जाती थी। इसके बदले आरोपी मोटी रकम अपने खातों में ट्रांसफर करवा लेते थे।
छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला कि आसिब खान ने पिछले एक माह के दौरान अपने खाते में 26 लाख रुपये देश भर के लोगों से वसूले हैं। आसिब के पूरे गांव में ज्यादातर लोगों का यह ही धंधा है। पुलिस इससे पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है।
उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त सागर सिंह कलसी ने बताया कि पिछले दिनों इनके पास गृहमंत्रालय के साइबर क्राइम पोर्टल से एक शिकायत आई थी। उत्तरी दिल्ली निवासी व्यक्ति ने सेक्सटॉर्शन के जरिये आठ लाख रुपये ठगे जाने की शिकायत दी थी। साइबर थाने में जबरन वसूली का मामला दर्ज कर साइबर थाना प्रभारी पवन तोमर की देखरेख में एसआई रोहित सारसवत व अन्यों की टीम ने छानबीन शुरू की।
जांच के दौरान पुलिस ने जिन खातों में रकम ट्रांसफर हुई उनका पता किया। इसके बाद उन मोबाइल नंबर का भी पता किया गया जो बैंक खातों से कनेक्ट थे। जांच के दौरान पता चला कि नगर तहसील से सेक्सटॉर्शन का कारोबार चल रहा है। पुलिस ने भेस बदलकर गांव में छापेमारी की। छापे के दौरान पुलिस को आसिब खान नामक आरोपी मिला। तुरंत उसे हिरासत में लेकर पुलिस की टीम वापस आ गई। उसके मोबाइल फोन की जांच की गई तो पता चला कि उसके मोबाइल से अटेच खाते में एक माह के दौरान 26 लाख रुपये आए थे। फौरन उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
मामले की छानबीन कर रहे अधिकारी की मानें तो नगर गांव के अलावा आसपास के कई गांवों के लोगों का सेक्सटॉर्शन का धंधा है। पहले सभी एटीएम-क्रेडिट कार्ड के नाम पर ठगी करते थे। लेकिन उसमें अब लोग ज्यादा सावधान हो गए हैं तो धंधा कम चल रहा था। सेक्सटॉर्शन के जाल में कोई भी आसानी से फंस जाता है। चूंकि गांव का हर शख्स ठगी के धंधे में है तो पुलिस की भनक लगते ही पूरे गांव में इसकी खबर फैला दी जाती थी। पुलिस गांव पहुंचकर किसी को पकड़ भी लेती थी तो ग्रामीण इसका भारी विरोध कर उसे छुड़ा लेते थे। वहां आनन-फानन में ही गिरफ्तार कर आरोपी को लाना होता था। दिल्ली पुलिस के सूत्रों का कहना है कि लोकल पुलिस की ग्रामीणों से मिलीभगत रहती है। पुलिस बाकी आरोपियों की तलाश कर रही है।