देश में रसद लागत कम करने के लिए कई अहम पहल की जा रही हैं। बीते साल के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में कई अहम फैसले लिए गए जिनमें से एक ग्रेटर नोएडा में विश्व स्तरीय मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स हब विकसित करने का निर्णय भी है। इस हेतु 3,883.80 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स हब (एमएमएलएच) और मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब (एमएमटीएच) परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई।
बता दें आने वाले समय में यह परियोजना महज यूपी ही नहीं बल्कि पूरे देश के विकास की नई गाथा लिखेगी। स्वीकृत प्रस्ताव से यात्रियों के लिए रेल, सड़क व एमआरटीएस संपर्क के साथ-साथ लॉजिस्टिक लागत में कमी व बेहतर परिचालन दक्षता के साथ “आत्मनिर्भर भारत” और “मेक इन इंडिया” कार्यक्रम को भी गति मिलेगी। इस प्रोजेक्ट के लिए ग्रेटर नोएडा में एक नए प्राधिकरण इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप ऑफ ग्रेटर नोएडा लिमिटेड बनाया गया है।
दरअसल दादरी के पास 750 एकड़ भूमि में प्रोजेक्ट को पूरा करने की प्रक्रिया जारी है और दोनों परियोजनाओं के लिए करीब 85 फीसदी भूमि का अधिग्रहण भी हो चुका है। मालूम हो कि बीते दिनों पीएम मोदी ने ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) के न्यू भाउपुर-न्यू खुर्जा खंड तथा ईडीएफसी के संचालन नियंत्रण केन्द्र का भी उद्घाटन किया है। ईडीएफसी के तहत चलने वाली मालगाड़ियों का रेलवे स्टेशनों पर ठहराव नहीं किया जाएगा। इसके लिए पूरी तरह से अलग रेलवे ट्रैक पर चलने व जगह-जगह लॉजिस्टिक व वेयरहाउस पर ठहरने के लिए व्यवस्था की जा रही है।
ट्रेन, बस और मेट्रो की होगी सुविधा
भारतीय रेल के बोड़ाकी रेलवे स्टेशन के नजदीक स्थित एमएमटीएच परियोजना रेल, सड़क और एमआरटीएस तक सुगम पहुंच के साथ एक परिवहन हब के रूप में काम करेगी। एमएमटीएच में अंतर राज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी), स्थानीय बस टर्मिनल (एलबीटी), मेट्रो, वाणिज्यिक, खुदरा एवं होटल क्षेत्र व खुले हरियाली युक्त स्थलों के लिए स्थान उपलब्ध होगा।
पैदा होंगे एक लाख रोजगार के अवसर
प्रदेश में भविष्य में होने वाले विकास, एनसीआर के उप क्षेत्र और भीड़भाड़ से युक्त दिल्ली को सेवाएं देने वाले इलाकों में तेजी से बढ़ती आबादी को विश्वस्तरीय यात्री परिवहन सुविधाएं मिलेंगी। इन परियोजनाओं से 2040 तक 1,00,000 लोगों के लिए रोजगार पैदा होने का अनुमान है और आसपास के इलाकों में विकास के अवसरों पर इसका सकारात्मक असर होगा।
एक ही जगह पर कंपनियों और ग्राहकों को मिलेंगीं सारी सुविधाएं
ग्रेटर नोएडा में एमएमएलएच और एमएमटीएच परियोजनाएं ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे, एनएच 91, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे, यमुना एक्सप्रेस वे, ईस्टर्न एंड वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर्स के नजदीक हैं।दरअसल, लॉजिस्टिक हब के चयन के लिए सबसे जरूरी है कि ऐसी जगह हो जहां एक्सप्रेस-वे व हवाई मार्ग या बंदरगाह की व्यवस्था हो। ताकि वहां से खाद्यान व अन्य सामानों को लाने व ले जाने के लिए आसानी हो। केंद्र सरकार द्वारा ग्रेटर नोएडा में जहां यह मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब बनाया जा रहा है वहां से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर विश्वस्तरीय व भारत का सबसे बड़ा नोएडा अंतरराष्ट्रीय ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा बनाया जा रहा है। जिसके जरिए उत्पादित सामानों को तत्काल देश-विदेश भेजने की सुविधा होगी।
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर्स के निर्माण से मालगाड़ियों का रूट होगा अलग, मिलेगा लाभ
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर्स के निर्माण से पैसेंजर ट्रेनों के अधिकतर रूट पर मालगाड़ियां नहीं चलेंगी। डीएफसी के रूट पर चलने वाली मालगाड़ियों की गति बढ़ जाएगी। साथ ही साथ उनकी माल ढोने की क्षमता भी करीब दोगुनी हो जाएगी। समय पर माल पहुंचने से कंपनियों के व्यापार का स्तर और अधिक सुधरेगा व विश्वसनीयता बढ़ेगी। विभिन्न उद्योंगों द्वारा उत्पादित सामानों को उनके निर्यात के लिए गंतव्य तक पहुंचाने के लिए सुरक्षित व संरक्षित करने की दृष्टि से मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब का योगदान अभिन्न होगा।
प्रदेश में 17 हवाई अड्डों को बनाने के लिए कार्य चल रहा है
यही नहीं प्रदेश के भीतर सड़क मार्ग के जरिए यमुना एक्सप्रेस वे से मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब तक पहुंचने में आसानी होगी। यूपी में जहां हवाई यातायात की सुविधा बढ़ाने के लिए प्रदेश में 17 हवाई अड्डों को बनाने के लिए कार्य चल रहा है वहीं प्रदेश में पूर्वांचल एक्सप्रेस व अन्य चार एक्सप्रेस वे के जरिए प्रदेश में एक्सप्रेस वे का जाल बिछाया जा रहा है। सड़क अच्छी होने से उत्पादित वस्तुओं के परिवहन में आसानी तो होगी ही साथ ही साथ यातायात लागत में भी कमीं आएगी।
देश-विदेश की कंपनियां कर रही हैं यूपी का रुख
प्रदेश में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर को देखते हुए देश-विदेश की कई कंपनियां अब उत्तर प्रदेश का रुख कर रही हैं। एक्सप्रेस वे के जरिए पूरे प्रदेश से कंपनियों द्वारा कच्चा माल मंगाना हो या तैयार माल भेजना, सब आसान हो जाएगा। पर अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए यूपी के भीतर ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के जरिए माल मंगाने पर उसके रखरखाव और पहुंच सुनिश्चित करने के लिए मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब की जरूरत महसूस की जा रही थी। इसलिए नोएडा में बनने वाला विश्वस्तरीय मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक जरूरतों को अब पूरा करेगा।