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Friday, May 10, 2024

घरेलू मामलों में बोलने की जरूरत नहीं -किसान आंदोलन पर कनाडा को भारत का जवाब

दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन पर कनाडा के पीएम की ओर से चिंता जाहिर किए जाने पर भारत ने जवाब देते हुए नसीहत दी है कि राजनीतिक फायदे के लिए किसी लोकतांत्रिक देश के घरेलू मुद्दे पर ना बोलें तो ही बेहतर है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे नाजायज और नासमझी भरा बताया है। 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ”भारत में किसानों के बारे में हमने कनाडा के कुछ नेताओं के कुछ नासमझी भरे बयान देखे हैं। ये नाजायज हैं, खासकर तब जब एक लोकतांत्रिक देश के अंदरुनी मामलों से जुड़ा हो। सबसे अच्छा यह है कि राजनीतिक उद्देश्यों के लिए कटूनीतिक संवाद को तोड़ा-मरोड़ा ना जाए।”

इससे पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने मंगलवार को भारत में किसानों द्वारा नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के बारे में चिंता व्यक्त की। ट्रूडो ने सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक या गुरु नानक की 551 वीं जयंती के अवसर पर कनाडाई सांसद बर्दिश चग्गर द्वारा आयोजित एक फेसबुक वीडियो कांफ्रेंस में भाग लेते हुए ये चिंता जाहिर की। उनके साथ कनाडा के मंत्री नवदीप बैंस, हरजीत सज्जन और सिख समुदाय के सदस्य शामिल थे। 

बातचीत के दौरान अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में, ट्रूडो ने कहा, ”अगर मैं किसानों द्वारा विरोध के बारे में भारत से आने वाली खबरों की बात करूं स्थिति गंभीर है और हमें चिंता है।” ट्रूडो ने कहा “आपको याद दिला दूं, शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार की रक्षा के लिए कनाडा हमेशा खड़ा रहेगा। हम बातचीत के महत्व पर विश्वास करते हैं और इसीलिए हम अपनी चिंताओं को उजागर करने के लिए सीधे भारतीय अधिकारियों के पास कई माध्यमों से पहुंच गए हैं।” जानकारों का मानना है कि टिप्पणियां कनाडा के प्रभावशाली भारतीय मूल के प्रवासी लोगों को ध्यान में रखकर की गई है।
 

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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