कोरोना वायरस की वैक्सीन में केकड़ा के ख़ून का क्या इस्तेमाल?

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10 आंखों वाले हॉर्सशू केकड़े क़रीब 30 करोड़ सालों से पृथ्वी पर रह रहे हैं. सालों से इनके शरीर के नीले ख़ून का इस्तेमाल इंसानों के लिए दवा बनाने के लिए किया जाता रहा है. हॉर्सशू क्रैब यानी घोड़े की नाल की आकार वाले केकड़े.

कोरोना महामारी के बीच ये केकड़ा अब वैज्ञानिकों की दिलचस्पी की वजह बन गए हैं.

वैज्ञानिक कोरोना वायरस की संभावित वैक्सीन बनाने के लिए इस केकड़ा पर शोध कर रहे हैं.

लेकिन इस कारण लिविंग फॉसिल (जीवित जीवाश्म) माने जाने वाले इन केकड़ों के अस्तित्व को लेकर ख़तरा पैदा हो गया है. माना जा रहा है कि धरती पर इस प्रजाति के केकड़ों की संख्या कम है और दवा के लिए इसके ख़ून के इस्तेमाल से इनकी संख्या और कम हो सकती है.

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