धार्मिक भावनाओं के अपमान के मामले में इंदौर जेल में बंद कॉमेडियन मुनव्वर फ़ारूक़ी को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम ज़मानत दे दी है.
इसके साथ ही जस्टिस रोहिंटन फ़ली नरीमन की बेंच ने मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि आरोपों पर फ़ारूक़ी के बयान और उनके तर्क अस्पष्ट हैं. साथ ही कोर्ट ने यह भी माना है कि गिरफ़्तारी के लिए सीआरपीसी की 41 धारा (बिना वॉरंट के गिरफ़्तारी) का पालन नहीं किया गया है.
यही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के प्रॉडक्शन वॉरंट पर भी रोक लगा दी है.
क्या है मामला
1 जनवरी को इंदौर पुलिस ने कथित तौर पर हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने के आरोप में पांच कॉमेडियन को गिरफ्तार किया था. इनमें मुनव्वर फ़ारूक़ी भी शामिल थे.
फ़ारूक़ी के साथ जो चार अन्य लोगों को गिरफ़्तार किया गया था उनके नाम हैं- एडविन एनथोनी, प्रखर व्यास, प्रीयम व्यास और नलिन यादव.
फ़ारूक़ी के कार्यक्रम में भाजपा की विधायक मालिनी गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ भी पहुँचे थे. गौड़ ने कहा था कि वो और उनके साथी इस शो में गये थे और इस दौरान फ़ारूक़ी ने अभद्र टिप्पणी की थी. गौड़, हिंदू रक्षक संस्था के संयोजक भी हैं.