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Monday, May 20, 2024

केजरीवाल ने विधानसभा में कृषि कानूनों की कॉपी फाड़ी – और कहा कि पिछले कुछ सालों में भाजपा ने चुनावों को कितना महंगा बना दिया

दिल्ली विधानसभा के एकदिवसीय विशेष सत्र के दौरान आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सदन में केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए तीन कृषि कानूनों की प्रतियां फाड़कर अपना विरोध जताया और दिल्ली विधानसभा ने सभी कानूनों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि वह किसानों के साथ विश्वासघात नहीं कर सकते। केजरीवाल ने कहा कि ऐसा करते हुए मुझे दर्द हो रहा है, लेकिन मेरे देश का किसान सड़क पर है और मुझे तकलीफ हो रही है। उन्होंने कहा कि यह सदन केंद्र सरकार से अपील कर रहा है कि ये कानून वापस ले लो।

केजरीवाल ने कहा कि पिछले कुछ सालों में भाजपा ने चुनावों को कितना महंगा बना दिया है यह बात सभी जानते हैं। उन्होंने कहा कि ये कानून किसानों के लिए नहीं बनाए गए बल्कि बीजेपी के चुनावों की फंडिंग के लिए बनाए गए हैं। यह बात किसान तो समझ गए हैं और बाकी देशवासी भी जितनी जल्दी समझ लें उतना अच्छा होगा।

केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार कह रही है कि किसानों को कृषि कानूनों का फायदा समझ नहीं आ रहा, इसलिए अपने दिग्गज नेताओं को उतारा है। योगी आदित्यनाथ एक रैली में कह रहे थे कि इन कानूनों से किसी की जमीन नहीं जाएगी, ये फायदा है क्या?

भाजपा वाले कहते हैं कि किसान अब अपनी फसल पूरे देश में कहीं भी बेच सकता है। धान का MSP 1868 रुपये है, ये बिहार और उत्तर प्रदेश में 900-1000 रुपये में बिक रहा है। मुझे बता दीजिए कि ये किसान देश में कहां अपनी फसल बेचकर आएं। 

केजरीवाल ने कहा कि मैं केंद्र से पूछना चाहता हूं कि किसानों को और कितनी कुर्बानियां देनी पड़ेंगी, ताकि उनकी आवाज सुनी जा सके। उन्होंने कहा कि हर किसान भगत सिंह बन गया है। सरकार कह रही है कि वह किसानों तक पहुंचकर कृषि कानूनों के लाभों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों से कहा कि वे इन बिलों से लाभान्वित होंगे क्योंकि उनकी जमीन नहीं छीनी जाएगी और मंडियां बंद नहीं होंगी। क्या यह लाभ है? 

उन्होंने पूछा कि इन तीन कृषि कानूनों को कोरोना वायरस महामारी के दौरान संसद में पारित करने की ऐसी क्या जल्दी थी? यह पहली बार हुआ है कि राज्यसभा में मतदान के बिना तीनों कानून पास कर दिए गए। मेरी केंद्र सरकार से अपील की कि वे अंग्रेजों से बदतर न बने। उन्होंने 9 महीने में कानून वापस ले लिए थे आप 20 दिन बाद ही ले लो। 

केजरीवाल ने कहा कि मेरी केंद्र सरकार से अपील की कि वह इन काले कानूनों को वापस ले। 20 दिनों के विरोध के दौरान 20 से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है। इस आंदोलन में औसतन एक किसान प्रतिदिन शहीद हो रहा है।

मुख्यमंत्री से पहले ‘आप’ के विधायक महेंद्र गोयल और सोमनाथ भारती ने भी कृषि कानूनों की कॉपी फाड़कर विरोध जताया था। वहीं, ‘आप’ विधायक संजीव झा ने कहा कि आज देखेंगे कि दिल्ली पृथ्वीराज चौहान के साथ है या फिर जयचंदों के साथ है।  

संजीव झा ने कहा कि ये बहुत खतरनाक कानून हैं। इसके जरिए से किसानों से किसानी छिनी जा रही है। उन्होंने कहा कि आप कानून थोप रहे हैं। आखिर सरकार की कौन सी मजबूरी थी कि कोरोना के समय मे ऑर्डिनेंस लाकर बिला पास करना पड़ा। आज जरूरत पड़ेगी सरकार को तो संविधान को ताक पर रखकर आपके कानूनी अधिकार को छीन लिया जाएगा। झा ने कहा कि 6 दौर की वार्ता में किसानों को समझाने की कोशिश की जा रही कि क्या फायदे हैं। किसान सब समझता है कि उसका फायदा कहां है। आज देखना है कि हम सब लोग, यह सदन, यह देश और दिल्ली पृथ्वीराज चौहान के साथ या जयचंद के साथ। 

कृषि कानूनों पर भाजपा विधायकों के हंगामे के चलते विधानसभा को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। अब नगर के निगम घोटाले पर शुक्रवार को चर्चा होगी।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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