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Monday, May 20, 2024

कांग्रेस नेता का विवादित बयान, जो बाइडेन की मदद से J&K में लागू करवाएंगे आर्टिकल-370

जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस नेता जहांजेब सिरवाल ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि वे अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडेन की मदद से जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल-370 को वापस लागू करवाएंगे। सिरवाल ने यह विवादित बयान उस समय दिया, जब वे जो बाइडेन और कमला हैरिस को जीत की बधाई दे रहे थे।

कांग्रेस के युवा नेता जहांजेब सिरवाल ने कहा, ”मैं जो बाइडेन और कमला हेरिस को जीत की बधाई देता हूं। यह कोई व्यक्तिगत जीत नहीं है, यह एक विचारधारा की जीत है। यह एक लोकतंत्र की जीत है। जहां तक भारत और जम्मू-कश्मीर की बात है, इससे सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यह साफ है उनकी जीत से इस्लामोफोबिया में कमी आएगी। जो बाइडेन के पुराने बयानों से लगता है कि वे भारत सरकार पर दबाव बनाएंगे और सरकार आर्टिकल-370 और 35-ए को वापस लागू करेगी। केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अलोकतांत्रिक तरीके से आर्टिकल-370 को हटाया था। इससे इस्लोफोबिया में भी कमी आएगी।” 

बता दें कि यह पहला मौका नहीं है, जब जम्मू-कश्मीर के नेता आर्टिकल-370 को वापस लागू करने की मांग कर रहे हैं। उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती समेत कई नेता आर्टिकल-370 को फिर से लागू करने की बात कह चुके हैं। हाल ही में महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि एक समय आएगा जब केंद्र सरकार खुद लोगों से हाथ जोड़कर पूछेगी कि आपको विशेष दर्जा की बहाली के अलावा क्या चाहिए। मुफ्ती ने हिरासत से बाहर आने के बाद जम्मू में पहली रैली में कहा, ”केंद्र सरकार ने लोगों की आवाज को दबाया और वे उन्हें बात नहीं करने दे रहे हैं। यह प्रेशर कुकर जैसा है। उन्होंने ऐसा माहौल बना दिया है। लेकिन जब प्रेशर कुकर फटता है तो पूरे घर को जला डालता है।” 

जम्मू-कश्मीर से कब हटाया गया था आर्टिकल-370

जम्मू-कश्मीर से पिछले साल अगस्त में आर्टिकल 370 को हटा दिया गया था। 5 अगस्त, 2019 को ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्र शाषित प्रदेश में बांट दिया था। इसके फैसले को लागू करने से पहले जम्मू-कश्मीर के सभी प्रमुख नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था। इन नेताओं को धीरे-धीरे कुछ महीनों बाद रिहा किया गया। हाल ही में प्रमुख नेताओं में रिहा होने वालीं महबूबा मुफ्ती थीं।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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