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Friday, May 10, 2024

एक बार फिर तारीख पे तारीख, नौवें दौर की वार्ता में भी मिली नाकामी, 19 जनवरी को दिन मे बारह बजे फार होगी बातचीत

नई दिल्ली। सरकार और किसान नेताओं के बीच नौ दौर की नाकाम बातचीत के मद्देनजर कुछ बरस पहले फिल्म दामिनी का एक चर्चित डायलाग याद आ गया –
तारीख पे तारीख, तारीख पे तारीख ।

केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी के बाद ये पहली बैठक थी, लेकिन इस बार भी कुछ अलग नहीं दिखा। किसान संगठनों की ओर से अब भी कृषि कानून वापस लेने की मांग की जा रही है, जबकि सरकार संशोधनों का हवाला दे रही है। सरकार और किसान संगठनों के बीच अब अगली बैठक 19 जनवरी को दिन में बारह बजे होगी। कानून वापसी की मांग पर अड़े हैं किसान
सरकार ने गिनाए अबतक किए गए संशोधन।

कृषि मंत्री बोले- सरकार बातचीत से हल निकालना चाहती है

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच कोई समाधान नहीं निकला। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करती है। सरकार कमेटी के सामने अपना पक्ष रखेगी। हम बातचीत से हल निकालना चाहते हैं।

किसान नेता राकेश टिकेत ने कहा कि बैठक में किसान संगठनों ने सरकर से कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी स्वीकार नहीं है। किसान संगठन और सरकार ने तय किया है कि बातचीत जारी रहेगी और बातचीत से ही हल निकालेंगे।

सरकार और किसानों के बीच तीनों कानूनों को लेकर गतिरोध अभी बना हुआ था। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम तीनों कानूनों को वापस नहीं लेंगे, लेकिन हम संशोधन करने को तैयार है। जबकि बैठक में किसानों ने सख्त रुख अपनाया और कहा कि तीनों कानून तो वापस लेने पड़ेंगे उससे कम हम मानेंगे नहीं। बैठक में कृषि मंत्री की ओर से किसानों को गिनाया गया कि देश में बड़े स्तर पर किसान कानून के समर्थन में हैं, जबकि किसानों ने कहा कि फिर भी देशभर में प्रदर्शन हो रहा है। कृषि मंत्री के अलावा पीयूष गोयल ने भी बैठक में कृषि कानूनों से जुड़े फायदों को गिनाया.  हालांकि, किसानों की ओर से पंजाब में हुई छापेमारी, हरियाणा में किसानों पर लिए गए एक्शन का मसला उठाया गया। किसानों की मांग है कि सभी मुकदमे वापस लिए जाने चाहिए।।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक में कहा कि किसान मीडिया में कहते हैं कि सरकार जिद पर अड़ी है, लेकिन हमने किसानों की बातें मान ली हैं। किसान एक भी कदम आगे नहीं बढ़े हैं। दूसरी ओर बैठक में पीयूष गोयल ने किसानों ने FCI से जुड़ी जानकारी दी। हालांकि, किसान लगातार बैठक में कानूनों को रद्द करने के मसले पर अड़े हुए थे।

किसानों को तकलीफ दे रहे हैं किसान नेता – अठावले

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने बयान दिया है कि देश के किसान नेता किसानों को तकलीफ दे रहे हैं। इस ठंड में उन्हें बर्बाद करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की आमदनी दोगुनी करना सरकार का मकसद है और ये कानून उसी से जुड़ा है। सरकार किसान बिल में संशोधन करने को तैयार है और इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी निर्णय आएगा केंद्र सरकार उसे मानेगी और किसानों को भी उनका निर्णय मानना चाहिए।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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