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Monday, May 20, 2024

उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने महिलाओं की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का आह्वान किया

उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने महिलाओं की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का आह्वान किया है जो देश की आबादी का लगभग 50 प्रतिशत हैं।

हैदराबाद की स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉ. इविता फर्नांडीज को महिला स्वास्थ्य देखभाल एवं सशक्तिकरण हेतु उनकी सेवाओं को मान्यता प्रदान करते हुए उपराष्ट्रपति ने उन्हें वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से ‘युद्धवीर मेमोरियल अवार्ड’ प्रदान किया और कहा कि अगर महिलाओं की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को नजरअंदाज किया जाता है तो हम कभी भी स्वस्थ समाज का निर्माण नहीं कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि महिलाओं की विभिन्न स्वास्थ्य आवश्यकताओं को मजबूती प्रदान करने और उन्हें पूरा करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए क्योंकि वे एक स्वस्थ समाज का आधार होती हैं।

इस बात को ध्यान में रखते हुए कि देश में मातृ मृत्यु दर में कमी लाने की दिशा में काफी प्रगति हुई है, उपराष्ट्रपति ने इस गिरावट में तेजी लाने की आवश्यकता पर बल दिया जिससे कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के लक्ष्य 3.1 की प्राप्ति की जा सके, जिसका उद्देश्य 2030 तक वैश्विक मातृ मृत्यु दर को प्रति एक लाख जन्म में 70 से कम करना है।

श्री नायडू ने भारत की महिलाओं में अल्प-पोषण की समस्याओं का समाधान करने के लिए ठोस उपाय करने का भी आह्वान किया।

पुरस्कार विजेता डॉ. इविता फर्नांडीज द्वारा महिलाओं के स्वास्थ्य एवं पुनरुत्पादन में अग्रणी भूमिका की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि वे महिला सशक्तिकरण और सामान्य जन्म की एक मजबूत समर्थक हैं। उन्होंने कहा, “मुझे इस बात की खुशी है कि डॉ. इविता महिलाओं के लिए प्रसव को प्राकृतिक और सकारात्मक अनुभव बनाने, नॉर्मल डिलीवरी को बढ़ावा देने और सिजेरियन मामलों में कमी लाने की दिशा में हर संभव प्रयास किया है।

“यूनिसेफ के साथ तेलंगाना सरकार और फर्नांडीज अस्पताल द्वारा सिजेरियन मामलों में कमी लाने और सार्वजनिक अस्पतालों में नॉर्मल डिलीवरी को बढ़ावा देने के प्रयासों का उल्लेख करते हुए, उपराष्ट्रपति ने इसे एक ‘प्रशंसनीय उद्देश्य’ बताया और कहा कि वे चाहते हैं कि सिजेरियन वर्गों में कमी लाने की मुहिम में ज्यादा से ज्यादा निजी अस्पताल शामिल हों।

श्री नायडू ने कहा कि मातृ स्वास्थ्य देखभाल में सुधार लाना बहुत ही महत्वपूर्ण है और उन्होंने प्रसाविका के लिए एक राष्ट्रीय कैडर का निर्माण करने वाली पहल के लिए डा. इविता की सराहना की। उन्होंने इस बात पर भी प्रसन्नता व्यक्त की कि फर्नांडीज फाउंडेशन तेलंगाना सरकार में प्रसाविका के लिए 1,5000 नर्सों को प्रशिक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

उपराष्ट्रपति ने स्वर्गीय श्री युद्धवीरजी को भी श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनके नाम पर इस पुरस्कार की शुरूआत की गई है। उन्होंने कहा कि वे कई क्षेत्रों में शामिल व्यक्ति थे- एक स्वतंत्रता सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता और एक प्रसिद्ध पत्रकार। सत्य और ईमानदारी के पथप्रदर्शक के रूप में युद्धवीरजी ने पत्रकारिता में सदैव नैतिकता को अपनाया। उन्होंने मिलाप डेली की शुरूआत पहले उर्दू में और बाद में 1950 में हिंदी भाषा में की। उन्होंने कहा कि हिंदी मिलाप एक प्रतिष्ठित संस्थान के रूप में विकसित हुआ है और नैतिक एवं निष्पक्ष समाचार कवरेज का पर्याय बन चुका है। यह हैदराबाद और दक्षिण भारत में हिंदी भाषी पाठकों के जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुका है।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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