उत्तर प्रदेश सरकार ने मेरठ में ‘द उत्तर प्रदेश स्टेट स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी’ की स्थापना के लिए हरी झण्डी दे दी है। सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी गई। राज्य में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की स्थापना की कवायद पिछले सात-आठ महीने से चल रही थी। पहले इसे लखनऊ के स्पोर्ट्स कॉलेज में खोलने का फैसला हुआ था। पर पिछले साल मई में इसे मेरठ में स्थापित करने का फैसला किया गया।
कुलपति खिलाड़ी के साथ शिक्षाविद् होगा
विधेयक के मुताबिक राज्यपाल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति होंगे। वहीं कुलपति स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का दूसरा सर्वोच्च पद होगा। कुलपति की प्रमुख अहर्तताओं में उसका शिक्षाविद् होना जरूरी होगा। उसके पास प्रशासनिक अनुभव होना जरूरी होगा। शारीरिक शिक्षाविद् या उत्कृष्ट खिलाड़ी, उसके कई पेपर ख्याति प्राप्त जनरल में छपे हों, डाक्टरेट की डिग्री जरूरी होगी। उम्र 62 साल निर्धारित की जाएगी। कार्यक्रम तीन वर्ष का होगा।
मुख्य कोच भी होगा
स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में कुलपति के बाद डायरेक्टर और डीन्स होंगे। उसके बाद मुख्य कोच होगा। रजिस्टार, परीक्षा नियंत्रक होंगे। इसके अलावा यूनिवर्सिटी संचालन के जरूरी पद होंगे। कार्यपरिषद होगी। मुख्य कोच खेल से संबंधित सभी गतिविधियों का संचालन करेगा। वह कुलपति और डायरेक्टर की खेलों से संबंधी मदद करेगा।
अन्य विश्वविद्यालयों को भी देखने को कहा गया
स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का विधेयक तैयार करने के पहले विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की गाइड लाइन को देखा गया। राजधानी में स्थित डा. शकुन्तला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय के अलावा राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय मणिपुर, स्वर्णिम गुजरात यूनिवर्सिटी गांधीनगर, तमिलनाडु फिजिकल एजुकेशन एण्ड स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के पाठ्यक्रमों और उनके संचालन का अध्ययन किया गया।
आवासीय होगी यूनिवर्सिटी
महिला एवं पुरुषों के लिए स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी पूरी तरह आवासीय होगी। खेल मैदान, प्रशासनिक भवन, हॉस्टल, मेस आदि का निर्माण किया जाएगा। बीपीएड, एमपीएड की पढ़ाई के अलावा पीएचडी भी कराई जाएगी। इसके अलावा एडवांस स्पोर्ट्स, योगा, स्पोर्ट्स मैनेजमेंट, स्पोर्ट्स बायोमैकेनिक जैसे पाठ्यक्रम शामिल होंगे। इस स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में उभरते हुए खिलाड़ियों को उच्च गुणवत्ता वाला प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा।