दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर बीते 13 दिन से धरना दे रहे महापौरों और निगम पार्षदों को हटाने के पुलिस ने शनिवार दोपहर को धरनास्थल पर पहुंचकर उन्हें तुरंत वहां से हटने के लिए नोटिस दिए हैं। पुलिस अधिकारियों ने महापौरों पर पार्षदों को दिल्ली हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और डीडीएमए के आदेशों का हवाला देकर तुरंत इलाका खाली करने का आग्रह किया है।
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा था कि अगर दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने कोरोना वायरस महामारी के कारण राजधानी में 31 दिसंबर तक राजनीतिक सभाओं और अन्य भीड़भाड़ वाले कार्यक्रमों पर रोक लगाई है तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर से प्रदर्शनकारियों को हटाया जाना चाहिए।
जस्टिस संजीव सचदेवा ने कहा कि अदालत को उम्मीद है कि पुलिस डीडीएमए के निर्देशों और मुख्यमंत्री के आवास वाले इलाके में आईपीसी की धारा-144 लागू करने के लिए उचित कदम उठाएगी। अदालत ने कहा कि अगर डीडीएमए के निर्देशों का उल्लंघन होने पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, तो इससे गलत संदेश जाएगा।
अदालत ने सुनवाई के दौरान पुलिस से कहा कि मुद्दा यह है कि अगर डीडीएमए ने ऐसी सभाओं पर रोक लगाई हुए है, तो आपको उन्हें किसी दूसरे स्थान पर शिफ्ट करना होगा, बल्कि आपको उन्हें हटाना होगा, नहीं तो इससे लोगों के बीच गलत संदेश जाएगा।
जिलाधिकारियों को सुनिश्चित करना है कि डीडीएमए निर्देशों का अनुपालन हो। डीडीएमए आदेश का अनुपालन केवल उचित निर्देश जारी कर ही सुनिश्चित किया जा सकता है। निर्देश जारी करें और यदि वे उनका पालन नहीं करते हैं, तो कार्रवाई करें।
डीडीएमए के 28 नवंबर के आदेश में राजधानी में 31 दिसंबर तक सभी सामाजिक, शैक्षणिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, धार्मिक, राजनीतिक कार्यक्रमों या भीड़भाड़ वाले अन्य आयोजनों पर कोविड-19 के प्रसार को देखते हुए रोक लगाई गई है।