अपनी सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए व शत-प्रतिशत (100%) आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य को हासिल करने और राष्ट्रीय लक्ष्यों में योगदान देने के लिए, भारतीय रेलवे और सड़क परिवहन सेक्टर की अवसंरचना को बजट 2021-22 में ध्यान में रखा गया है। दरअसल इन दोनों ही क्षेत्रों को अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर से लैस करने के लक्ष्य के साथ बजट का निर्धारण किया गया है। बता दें देश में करीब 5 लाख 71 हजार करोड़ रुपए का खर्च इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च किया जाएगा।
यदि बजट 2021-22 के मुख्य 6 स्तम्भ की बात करें तो इनमें स्वास्थ्य और कल्याण, भौतिक और वीत्तिय पूंजी और अवसंरचना, आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास व मानव पूंजी में नवजीवन का संचार करना, प्रवर्तन और अनुसंधान एवं विकास व न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन शामिल हैं।
इन सभी स्तम्भों में सबसे अहम है देश में इंफ्रास्ट्रक्चर यानी अवसंरचना को मजबूत करना है। दरअसल, देश की अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए यह सबसे जरूरी कदम माना जा रहा है। आइए अब इसे समझने की कोशिश करते हैं कि क्या है नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन…
नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन में क्या है खास
दरअसल, देश में बुनियादी ढांचे का जाल बिछाने के लिए एनआईपी का ढांचा देश के सामने रखा जा चुका है। इसमें करीब एक सौ ग्यारह लाख करोड़ रुपए का निवेश किया जाना है। यह अगले पांच साल की योजना है, जिसमें 25 लाख करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट उर्जा क्षेत्र, करीब 19.6 लाख करोड़ रुपए सड़क परियोजनाओं, 13.6 लाख करोड़ रुपए रेलवे परियोजनाओं, 16.29 लाख करोड़ रुपए शहरी विकास, 7.72 लाख करोड़ रुपए ग्रामीण इलाकों में बुनियादी ढांचे पर खर्चने की तैयारी की गई है। साथ ही साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन और खेलकूद के बुनियादी ढांचे पर सरकार ने फोकस करते हुए 3.56 लाख करोड़ रुपए खर्च करने की तैयारी की है।
नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन के लिए कहां से आएगा पैसा
इस बाबत स्पष्ट रूप से सरकार ने कहा कि 39 फीसदी केंद्र सरकार यानी केंद्र के बजट से और उतना ही 39 फीसदी राज्य सरकार यानी राज्यों के बजट से आएगा और बाकी का 22 फीसदी भाग निजी क्षेत्र से आएगा।
रेलवे परिवहन को क्या मिला बजट में
- रेलवे के लिए 1 लाख 10 हजार करोड़ रुपए का अब तक का सबसे बड़ा प्रावधान
- पूंजीगत व्यय के लिए 1,07,100 करोड़ रुपए
- जून 2022 तक पूर्वी और पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर शुरू होगा
- 2021 से 22 में 263 किलोमीटर लंबा सोननगर-गोमो खंड पीपीपी मोड में शुरू होगा
- इसके तुरंत बाद 274 किलोमीटर के गोमो-दानकुनी खंड जल्द ही शुरू
- रेलवे का 46,000 ब्रॉडगेज रूट का विद्युतीकरण इस साल के आखिर तक
- ब्रॉड गेज रूट के शत प्रतिशत विद्युतीकरण का काम दिसंबर 2023 तक होगा
वित्त रेलवे बोर्ड के सदस्य नरेश सलेचा बताते हैं “रेल विभाग की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए इस बार के बजट में अब तक का सबसे बड़ा प्रावधान किया गया है। पिछले साल के बजट के मुकाबले इस बार देश को ग्रोस बजट में 53 प्रतिशत की बढ़ोतरी मिली है। इस बार भारतीय रेलवे का 2 लाख 15 हजार 58 करोड़ रुपए का कैपेक प्लान है। वित्त मंत्रालय से भारतीय रेलवे को 1 लाख 7 हजार 300 करोड़ रुपए का ग्रोस बजट सपोर्ट प्राप्त होगा। जबकि इंटरनल रिसोर्सेज से सात हजार 500 करोड़ रुपए और एक्सट्रा बजट रिसोर्सेज से 1 लाख 258 करोड़ रुपए प्राप्त करेंगे।
करीब 40 हजार करोड़ रुपए न्यू लाइन बिछाने पर होगा खर्च
वित्त रेलवे बोर्ड के सदस्य नरेश सलेचा बताते हैं कि इस बार करीब 40 हजार करोड़ रुपए का खर्च न्यू लाइन बिछाने पर किया जाएगा। जबकि डबलिंग पर 26 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। वही ट्रैफिक फैसिलिटी पर लगभग पांच हजार करोड़ रुपए खर्च करेंगे। भारत सरकार के सभी प्राथमिकताओं वाले नेशनल प्रोजेक्ट पर 12 हजार 985 करोड़ रुपए का खर्च तय किया गया है।
जून 2022 तक वेस्टर्न और ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कोरिडोर होगा शुरू
तीन नए कोरिडोर बनने जा रहे हैं जिनमें ईस्ट कोस्ट कोरिडोर खड़कपुर, पश्चिम बंगाल से विजयवाड़ा आंध्र प्रदेश (1115 कि.मी) कनेक्टिविटी के लिए, ईस्ट-वेस्ट सब कोरिडोर भोसावा से नागपुर होकर खड़कपुर (1673 कि.मी) और नॉर्थ-साउथ सब कोरिडोर विजयवाड़ा से इटारसी (975 कि.मी) कनेक्टिविटी के लिए है।
सड़क परिवहन सेक्टर को क्या मिला बजट में
- सड़क परिवहन और हाइवेज के लिए 1 लाख 10 हजार करोड़
- पूंजीगत खर्च के लिए 1 लाख 8 हजार 30 करोड़ रुपए का प्रावधान
- मार्च 2020 तक 8500 किलोमीटर सड़ का काम शुरू हो जाएगा
- मार्च 2022 तक 11000 कि.मी. सड़ बनाने का काम पूरा हो जाएगा
- असम में 1300 कि.मी. सड़क के लिए 34000 करोड़ रुपए खर्च होंगे
- कोलकाता में 675 कि.मी. सड़क के लिए 25000 करोड़ की व्यवस्था
- केरल में 1100 कि.मी. सड़क के लिए 65000 करोड़ का प्रावधान
- तमिलनाडू में 3500 कि.मी. सड़ के लिए 1 लाख 3 हजार करोड़
सारे ट्रांसपोर्ट मोड को इंटीग्रेटेड किया जाएगा
नीति आयोग में इंफ्रा कनेक्टिविटी के सलाहकार सुधेन्दु ज्योति सिन्हा बताते हैं कि नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन केंद्र सरकार की बहुत महत्वकांक्षी परियोजना है। इसमें करीब 22 इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रुप बनाए गए हैं जिनमें 17 इकोनॉमी इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रुप हैं और 5 सोशल सेक्टर्स ग्रुप शामिल हैं। इसमें ट्रांसपोर्ट के पांच डेडिकेटेड इंफ्रास्ट्रक्चर पॉइंट्स रखे गए हैं। इस बजट में इसके लिए पैसा प्रचूर मात्रा में दिया गया है।