बंगलूरूकेंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को बंगलूरू स्थित बीईएमएल (भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड) उत्पादन केंद्र का दौरा किया। उन्होंने देश की पहली स्वदेश में विकसित चालक रहित मेट्रो कार का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि मुझे उस शानदार कार्य पर गर्व है जो बीईएमएल में इंजीनियरों और टेक्नीशियनों की टीम कर रही है। ये आत्मनिर्भर भारत के सच्चे योद्धा हैं, जो भारत को विकास के पथ पर आगे ले जा रहे हैं। आप लोगों के दिन रात की परिश्रम से बनी अनमैन्ड मेट्रो (मानव रहित मेट्रो) का अनावरण करके मुझे बड़ी खुशी हुई।
राजनाथ सिंह ने कहा कि आजादी के बाद भारत में जो सामाजिक-आर्थिक प्रगति आई है उसमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
पूंजी निर्माण हो, रोजगार के अवसर हों या आर एंड डी को प्रोत्साहित करना हो, सभी क्षेत्रों में पीएसयू ने अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा, आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत सरकार ने हाल ही में कुछ नीतियों में बदलाव किए हैं, जिनसे आप परिचित हैं, इसमें रक्षा उत्पादन और निर्यात प्रोत्साहन नीति (डीपीईपीपी) और नई रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (डीएपी) का निर्माण आदि शामिल है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि हाल ही में हुई 50 हजार करोड़ रुपये कीमत के 83 तेजस लड़ाकू विमानों की खरीद इस दिशा में एक बड़ा कदम साबित हुआ है। इससे 50 हजार रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। 500 एमएसएमई और टाटा, एल एंड टी व वेम-टेक जैसी निजी कंपनियों की भागीदारी ने सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों बीच के तालमेल को बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि जब देश-दुनिया कोविड के संकट से जूझ रही थी, तब भी हमारी पीएसयू, खासकर डीपीएसयी ने योद्धाओं की तरह आगे आकर इसके खिलाफ जंग की कमान संभाली।
सिंह ने कहा, मास्क से से लेकर पीपीई किट तक, सैनिटाइजर सिस्टम से लेकर क्वारंटाइन फैसिलिटीज के निर्माण तक, में हमारी पीएसयी ने पूरे दमखम के साथ अपना योगदान दिया। उन्होंने कहा कि बीईएमएल ने इस अहम और संकट के समय में अपनी कार्यक्षमता का जो परिचय दिया, वह आपकी मेहनत, लगन, जोश और जज्बे को दर्शाता है। रक्षा मंत्री ने कहा कि मुझे बताया गया, कि पिछले साल आपका वैल्यू ऑफ प्रोडक्शन 3000 करोड़ रुपये था। इस साल लगता है कि आप लोग इसे भी पार कर लेंगे। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है।