नई दिल्ली: चीन की लगातार बढ़ती चालबाजी पर अमेरिका की पैनी नजर है। अमेरिका ने माना है कि चीन से दीर्घकालिक रणनीतिक खतरा है और चेतावनी दी कि आने वाले समय में अमेरिकी युद्धपोत विशेष रूप से बीजिंग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय कानून के उल्लंघन के जवाब में अधिक मुखर होंगे।अमेरिकी नौसेना, मरीन और कोस्ट गार्ड के लिए एक दस्तावेज में पेंटागन ने कहा कि रूस और चीन ‘प्रमुख क्षेत्रों में शक्ति के संतुलन का मुकाबला कर रहे हैं और मौजूदा विश्व व्यवस्था को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। दस्तावेज़ ने कहा, “हमारे विश्व स्तर पर तैनात नौसेना बल चीनी और रूसी युद्धपोतों और विमानों के साथ रोजाना बातचीत करते हैं।”