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Saturday, December 14, 2024

अनुमान के मुताबिक एनडीए के उम्मीदवार विजय सिन्हा बिहार विधानसभा के अध्यक्ष निर्वाचित, राजद को मुहकी खानी पड़ी

विशेष संवाददाता

पटना। 51 बरस बाद बिहार विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव मे सत्तारूढ़ एनडीए के उम्मीदवार के रूप में उतरे लगातार तीन बार के भारतीय जनता पार्टी के विधायक विजय कुमार सिन्हा स्पीकर चुन लिए गए हैं। उनके सामने महागठबंधन के आरजेडी विधायक अवध बिहारी सिंह उन्होंने उम्मीद के मुताबिक शिकस्त दी। विजय सिन्हा के पक्ष में 126 वोट पड़े जबकि राजद उम्मीदवार को 114 वोट से संतोष करना पड़ा।

प्रदेश में 51 साल बाद विधानसभा अध्यक्ष पद को लेकर वोटिंग हुई। इससे पहले सत्तापक्ष के ही अध्यक्ष होने की परंपरा चलते आ रही थी, लेकिन महागठबंधन ने अपना उम्मीदवार उतारकर वोटिंग को रोमांचक बना दिया था। राची की जेल मे सजा काट रहे लालू प्रसाद यादव ने फोन कर एनडीए के विधायकों को तोड़ने की कोशिश की लेकिन उन्हें नाकामयाबी हाथ लगी। सदन में भारी हंगामें के बीच सीएम नीतीश कुमार और प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने नव निर्वाचित अध्यक्ष विजय सिन्हा को अध्यक्ष के आसन तक ले जाने की परंपरा निभाई।

243 सदस्यीय विधान सभा में प्रोटैम स्पीकर होने के नाते जतीन माझी ने वोट नहीं दिया जबकि बसपा के दो विधायक गैरहाजिर रहे। ओवैसी के विधायकों ने राजद उम्मीदवार को वोट दिया जबकि लोजपा के एकमात्र विधायक ने विजय सिन्हा का समर्थन किया।

बिहार विधानसभा के अध्यक्ष की कुर्सी संभालने वाले विजय सिन्हा पहले बीजेपी विधायक हैं। इससे पहले कभी भी बीजेपी के खाते में विधानसभा स्पीकर की सीट नहीं गई थी। लेकिन इस बार पार्टी ने जबरदस्त प्रदर्शन कर पूरे राज्य की सियासत के समीकरण बदल दिए हैं।

विजय सिन्हा लखीसराय सीट से विधायक हैं। लखीसराय सीट पर वो लगातार तीसरी बार चुनाव जीते हैं। 2015 में जब आरजेडी और जेडीयू ने मिलकर चुनाव लड़ा था तब उस स्थिति में भी विजय सिन्हा का दबदबा लखीसराय में कायम रहा और उन्होंने बीजेपी के टिकट पर जीत दर्ज की। विजय सिन्हा ने जेडीयू के रामानंद मंडल को हराया था।

मौजूदा चुनाव में विजय सिन्हा के सामने महागठबंधन उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस के अमरेश कुमार थे। अमरेश कुमार को विजय सिन्हा ने 10 हजार से मतों के अंतर से चुनाव जीता था।

विजय सिन्हा का जन्म 5 जून 1967 को हुआ । उन्होंने बेगूसराय के सरकारी पॉलीटेक्निक कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया था। उन्होंने 1989 में ये डिप्लोमा हासिल किया था।

विधायक के साथ-साथ विजय सिन्हा को सरकार का भी अनुभव है। पिछली नीतीश कुमार सरकार में वो श्रम संसाधन मंत्री रहे हैं।विजय सिन्हा भूमिहार जाति से आते हैं।ऐसे में उनको विधानसभा स्पीकर की जिम्मेदारी मिलने को सामाजिक समीकरण को संतुलित करने के तौर पर भी देखा जा रहा है। राज्य में प्रवक्ता के अलावा संगठन में भी विजय सिन्हा कई स्तर पर काम कर चुके हैं।

इस बार बीजेपी ने जहां चुनावी नतीजों में सबको चौंकाते हुए जेडीयू से काफी ज्यादा सीटें हासिल की हैं वहीं सरकार में भी उसने दबदबा बनाए रखा है।वादे के मुताबिक, सीएम पद जरूर नीतीश कुमार को दिया गया है, लेकिन बीजेपी ने तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को अपने खाते से डिप्टी सीएम बनवाकर भी सबको हैरान किया।सुशील मोदी की जगह नए चेहरों को तरजीह दी गई। विधानसभा स्पीकर के पद पर भी ऐसा ही देखने को मिला।नंद किशोर यादव जैसे दिग्गज नेता इस पद की रेस में माने जा रहे थे, लेकिन अंतत: विजय सिन्हा के नाम पर मुहर लगी और इस तरह विजय सिन्हा के रूप में बीजेपी को पहली बार बिहार विधानसभा अध्यक्ष का पद मिल गया।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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