16 जनवरी से शुरू हुआ टीकाकरण अभियान को 11 दिन बीत चुके हैं, इस बीच 20 लाख से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन लग चुकी है। देश के सभी स्वास्थ्य कर्मियों के वैक्सीनेशन के बाद 50 साल से अधिक उम्र वाले और कोमोरबिडिटी वाले बुजुर्गों का टीकाकरण किया जाएगा। वैक्सीन कितनी सुरक्षित है और आने वाले समय में वायरस कैसे रिएक्ट करेगा जैसे तमाम सवाल के लिए प्रसार भारती ने आईएमए पूर्व महासचिव डॉ. नरेंद्र सैनी खास बात चीत की, जहां उन्होंने कई सवालों के जवाब दिए।
आपको कोरोना की वैक्सीन दी गई, आपका कैसा अनुभव रहा?
जब से यह महामारी फैली तब से निरंतर मैं मरीजों को देख रहा हूं, कोरोना के मरीजों को भी देख रहा हूं। आज दो दिन हो गए, मुझे कोरोना की वैक्सीन लगवाये हुए, मुझे कोई साइड इफेक्ट नहीं हुआ। लोग कहते हैं कि जहां पर इंजेक्शन लगता है वहां दर्द होता है, बुखार आता है, मुझे और मेरे करीब एक दर्जन साथी स्वास्थ्य कर्मियों में ऐसा कोई भी प्रभाव देखने को नहीं मिला है।
क्या वैक्सीन लगवाते ही कोरोना से सुरक्षित हो जाएंगे?
यह लोगों में बहुत बड़ा भ्रम है कि वैक्सीन लगवाते ही वो सुरक्षित हो जाएंगे। ऐसा बिलकुल नहीं है। वैक्सीन की दो डोज़ हैं। अगर एक इंजेक्शन आज लगा तो दूसरा 28 दिन के बाद लगेगा और उसके भी 14 दिन के बाद शरीर में एंटीबॉडी बनने शुरू होंगे। इस बीच अगर आप लापरवाही बरतेंगे तो कोरोना हो सकता है।
क्या गर्मी आने पर वायरस का रूप बदल सकता है?
वायरस को आये हुए एक साल के ऊपर हो गया है और इसने सर्दी, गर्मी, बरसात तीनों मौसम देख लिए हैं। किसी भी देश में मौसम की वजह से वायरस में बदलाव नहीं आया है। यह वायरस कब कौन सा रूप लेगा, हम कुछ नहीं कह सकते हैं। अब यूके का वायरस ले लीजिए, वहां नया स्ट्रेन पिछले वाले वायरस की तुलना में अधिक तेजी से फैल रहा है। इसी प्रकार नाइजीरिया और दक्षिण अफ्रीका में जो बदलाव हुए वो नज़र आ रहे हैं। दरअसल इसके अलावा भी बहुत सारे बदलाव हुए हैं, जो नज़र नहीं आये हैं। आगे होने वाले बदलाव कितने घातक होंगे, यह अभी कुछ नहीं कह सकते हैं।
सीरोसर्वे के अनुसार दिल्ली में 50-60% लोग संक्रमित हो चुके हैं, तो क्या हर्ड इम्यूनिटी आ चुकी है?
यह कहना अभी मुश्किल है, क्योंकि इस सवाल का जवाब देने से पहले हमें पता होना चाहिए कि सीरोसर्वे का सैंपल साइज कितना था। अब अगर मान लीजिए हर्ड इम्यूनिटी आ भी गई है, तो भी हम यह नहीं कह सकते हैं कि हमें वैक्सीन की जरूरत नहीं या हमें मास्क लगाने की जरूरत नहीं, सोशल डिस्टेंसिंग नहीं रखनी है या हाथों की सफाई नहीं रखेंगे। यह सब तो अभी पूरी सावधानी के साथ जारी रखना होगा।
आम लोगों को कब से वैक्सीन दी जाएगी?
वैक्सीन बनने में समय लगता है। भारत ने अपनी क्षमता के अनुसार अभी तक 30 करोड़ लोगों के लिए वैक्सीन तैयार कर ली है। फिलहाल हेल्थकेयर वर्कर्स, फ्रंट लाइन वर्कर्स और 50 वर्ष की आयु से अधिक लोगों को और कोमोरबिडिटी से ग्रसित लोगों को वैक्सीन दी जा रही है। बाकियों का नंबर कब आयेगा, इस बारे में सरकार दो-तीन महीने में घोषणा कर देगी।