रक्षा और गृह विभाग के अलावा केंद्र सरकार के कई मंत्रालयों के उन 15 अधिकारियों की है, जिनका प्रमोशन सरकार ने वापस ले लिया। इतना ही नहीं, इन्हें आगामी एक साल तक एडहॉक प्रमोशन की प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया है। मतलब, इनके समकक्ष दूसरे अफसरों को एक साल के भीतर एडहॉक प्रमोशन मिलेगा लेकिन इन्हें नहीं। इन अफसरों पर ये कार्रवाई सरकारी आदेशों की अनदेखी करने के चलते की गई है। केंद्र सरकार ने इन अफसरों को सहायक सेक्शन अफसर से एडहॉक सेक्शन अफसर बनाया था।
कानूनी मामलों से जुड़े विजया रामानाथन और एन. सरला सुब्रामनी, कॉमर्स विभाग के अरविंद कुमार, डिफेंस के शरद चंदन जो कि मौजूदा समय में प्रतिनियुक्ति पर एमसीडी में हैं, डिफेंस के साकेत सौरव, ये भी प्रतिनियुक्ति के तहत एमसीडी में कार्यरत हैं, सी. गोली शैक्षणिक मंत्रालय से उपराष्ट्रपति सचिवालय में प्रतिनियुक्ति पर हैं, गृह मंत्रालय के सुधीर कुमार, जो प्रतिनियुक्ति पर एसडीएमसी में गए हुए हैं और रवि गर्ग, जो व्यय विभाग से एसडीएमसी में प्रतिनियुक्ति पर हैं, उक्त सभी अधिकारी एक निर्धारित अवधि में एडहॉक प्रमोशन के लिए कैडर रिवर्ट नहीं करा सके।
बता दें कि केंद्र सरकार ने कुल 331 सहायक सेक्शन अफसरों को एडहॉक सेक्शन अफसर के पद पर पदोन्नत किया था। इन सभी अधिकारियों को एक तय अवधि में नए पद पर ज्वाइन करने के लिए कहा गया। जो अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर थे, उन्हें तीस दिन में अपनी इच्छा जाहिर करनी थी कि वे प्रमोशन लेना चाहते हैं या नहीं। मौजूदा समय में 15 एएसओ ने केंद्र सरकार के आदेशों का पालन नहीं किया। अब केंद्र सरकार ने इन सभी के खिलाफ कार्रवाई की है। इसमें प्रावधान है कि 18 फरवरी 2022 तक इन्हें एडहॉक प्रमोशन नहीं मिलेगा।