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Friday, November 22, 2024

शर्मनाक रिकॉर्ड: रिश्वतखोरी में भारतीय पूरे एशिया में नंबर वन, घूसखोरी की इस रिपोर्ट में और भी डराने वाले आंकड़े

रिश्वतखोरी अथवा घूसखोरी के मामले में भारत ने पूरे एशिया में एक ऐसा रिकॉर्ड बनाया है, जिस पर हर भारतीय को शर्म महसूस होगी। भ्रष्टाचार के मामले मेंभारत की स्थिति एशिया में सबसे अधिक खराब है, क्योंकि भारत में घूसखोरी की दर 39 फीसदी है। भ्रष्टाचार पर काम करने वाले ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की बुधवार को जारी रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि एशिया में घूसखोरी के मामले में भारत टॉप पर है, वहीं दूसरे पर कंबोडिया (37 फीसदी) और तीसरे पर इंडोनेशिया (30 फीसदी)  है। वहीं चीन की बात करें तो वहां घूसखोरी की दर 28 फीसदी है। सबसे कम घूस देने वाले देश में मालदीव और जापान संयुक्त रूप से है। 

इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में सर्वेक्षण में शामिल 47 फीसदी लोगों का मानना है कि पिछले 12 महीनों में भ्रष्टाचार बढ़ा है, जबकि 63 फीसदी लोगों का मानना है कि भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए सरकार अच्छा काम कर रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में करीब 46 फीसदी लोगों ने सार्वजनिक सेवाओं का लाभ उठाने के लिए पर्सनल कनेक्शन का सहारा लिया है। 

पर्सनरल कनेक्शन का सहारा लेने में भारत के बाद इंडोनेशिया और चीन का नंबर आता है। भारत में जहां 46 फीसदी लोगों ने पर्नसल कनेक्शन का सहारा लिया, वहीं इंडोनेशिया में 36 और चीन में 32 फीसदी लोगों ने इसका इस्तेमाल किया। ठीक इसके उलट, जापान और कंबोडिया में महज 4 और 6 फीसदी लोगों ने सार्वजनिक सेवाओं का लाभ उठाने के लिए पर्सनल कनेक्शन का सहारा लिया। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि रिश्वत देने वाले करीब 50 फीसदी लोगों से घूस मांगी गई थी। वहीं 32 फीसदी लोगों ने कहा कि अगर वे घूस नहीं देते तो उनका काम नहीं हो पाता। जनवरी में विश्व आर्थिक मंच पर दावोस में जारी ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा जारी एक पूर्व रिपोर्ट में  भारत को भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक में 180 देशों के बीच 80 वें स्थान पर रखा गया था।

‘ग्‍लोबल करप्‍शन बैरोमीटर- एशिया’ के नाम से प्रकाशित सर्वे रिपोर्ट के लिए ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने जून और सितंबर के बीच 17 देशों के 20,000 लोगों से सवाल पूछे। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा सर्वे के दौरान लोगों से पिछले 12 महीनों में भ्रष्‍टाचार के अनुभवों और धारणआओं की जानकारी मांगी गई थी। सर्वे में छह तरह की सरकारी सेवाएं शामिल गई थीं- पुलिस, स्कूल, कोर्ट, सरकारी अस्पताल, पहचान पत्र और  सेवा लाभ।

भारत में पुलिस को घूस देने वाले लोगों की संख्या 42 फीसदी है। वहीं, पहचान पत्र जैसे कागजात बनवाने के लिए करीब 41 फीसदी लोगों ने रिश्वत दी है। पुलिस वाले मामले मेंपर्सनल कनेक्‍शन का उपयोग कर सबसे अधिक 39 फीसदी ने अपना काम निकलवाया है। वहीं, पहचान पत्र हासिल करने के लिए 42 फीसदी और अदालती मामलों में काम निकलवाने के लिए 38 फीसदी लोगों ने पर्सनल कनेक्शन का इस्तेमाल किया है। यहां ध्यान देने वाली बात है कि पड़ोसी देश नेपाल में घूसकोरी की दर महज 12 फीसदी है। 

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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