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Sunday, June 29, 2025

योग और प्राकृतिक चिकित्सा कोविड-19 रोगियों को मनोसामाजिक पुनर्वास में सहायता प्रदान करेगी

कोविड-19 महामारी से उत्पन्न संकट बहुत बड़ा है और इसके वर्तमान प्रकोप से जनता में तनाव और चिंता बढ़ गई है। कोविड-19 न केवल लोगों के शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है बल्कि रोगियों और उनके परिवार के सदस्यों के मनोवैज्ञानिक या मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर रहा है।

शारीरिक उपचार के साथ मनोवैज्ञानिक देखभाल के महत्व और आवश्यकता को महसूस करते हुए, तीन प्रमुख संस्थानों ने मिलकर कोविड-19 मरीजों के मनोसामाजिक पुनर्वास के लिए एक प्रोटोकॉल विकसित किया है। ये 3 प्रतिष्ठित संस्थान हैं: आयुष मंत्रालय का स्वायत्त निकाय, केंद्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद (सीसीआरवाईएन), राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान (एनआईएमएचएएनएस), बेंगलुरु और स्वामी विवेकानंद योग अनुसंधान संस्थान (एस-वीवाईएएसए)। इस प्रोटोकॉल का विमोचन 23 अप्रैल 2021 को सुबह 9:30 से 11:30 बजे के बीच वर्चुअल माध्यम से होने वाला है। इस आयोजन की अध्यक्षता एस-वीवाईएएसए, बेंगलुरु के कुलपति डॉ. एचआर नागेंद्र करेंगे। इसके बाद बीएनवाईएस के चिकित्सको के लिए एक ऑनलाइन वर्कशॉप होगी जिसमें उन्हें प्रोटोकॉल का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

कार्यशाला प्राकृतिक चिकित्सा क्षेत्र के दृष्टिकोण से हमारे देश में स्वास्थ्य सेवा कर्मचारियों पर बढ़े हुए बोझ की समस्या का समाधान भी प्रदान करेगी। हमारे देश के कुछ हिस्सों में स्वास्थ्य सेवा संस्थानों पर कोविड-19 मरीज़ों का बहुत अधिक दबाव है। इन परिस्थितियों में प्रत्येक रोगी पर व्यक्तिगत रूप से ध्यान देना एक चुनौती बन गया है। 

रिपोर्टों के अनुसार, कोविड-19 रोगियों के मनोवैज्ञानिक संकट को अक्सर नजरअंदाज किया जाता है और इसका समाधान नहीं किया जाता है। कोविड देखभाल अस्पतालों में चिंता और तीव्र अवसाद के बाद आत्महत्या की भी रिपोर्ट प्राप्त हुई हैं। विभिन्न देशों से प्राप्त समाचारों के अनुसार, कई रोगियों को पृथकवास की चिंता और लक्षणों के बिगड़ने के डर से बड़े संकट का सामना करना पड़ा है। श्वसन संकट, हाइपोक्सिया, थकान और अनिद्रा और अन्य लक्षणों जैसी जटिलताओं को भी देखा गया है। योग और प्राकृतिक चिकित्सा प्रणालियों के हस्तक्षेप ने कोविड-19 रोगियों को ठीक करने में सहायता प्रदान की है। श्वांस लेने के सरल व्यायाम और प्राणायाम को महामारी के लक्षण वाले रोगियों और श्वसन संकट वाले लोगों में एसपीओ 2 के स्तर को बढ़ाने के लिए सहायक के रूप में देखा गया है। सीसीआरवाईएन द्वारा किए गए अध्ययनों की प्रारंभिक रिपोर्ट भी इन निष्कर्षों को मान्यता प्रदान करती है।

वर्तमान प्रोटोकॉल कोविड-19 रोगियों के इन लक्षणों और मनोवैज्ञानिक विकृति की समस्या के समाधान करने के लिए एक सहयोगी प्रयास है। ऑनलाइन कार्यशाला से योग और प्राकृतिक चिकित्सा का उपयोग करते हुए कोविड-19 की महामारी विज्ञान, बीमारी के पाठ्यक्रम, संकट और मानसिक विकृति के लिए स्क्रीनिंग, संकट के प्रबंधन और मनोवैज्ञानिक अलगाव के बारे में जानकारी प्रदान करने में मदद देगी।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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