रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने इजरायल की एक टीम को भारत बुलाने के लिए केंद्र सरकार से विशेष अनुमति मांगी है. दरअसल, इजरायल की ये टीम भारत आकर रैपिड कोविड-19 आइडेंटिफिकेशन सॉल्यूशन को स्थापित करेगी. इससे देश में कोरोना टेस्टिंग आसानी और तेजी से हो सकेगी. कंपनी इसके लिए लोगों को प्रशिक्षण भी देगी. रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 1.5 करोड़ डॉलर में इजरायल की एक स्टार्टअप कंपनी ब्रेथ ऑफ हेल्थ से यह सॉल्यूशन खरीदा है.
कुछ सेकेंड में ही मिल जाते हैं कोरोना टेस्टिंग के नतीजे
ब्रेथ ऑफ हेल्थ का प्रतिनिधिमंडल रिलायंस के आवेदन पर इमरजेंसी अप्रूवल हासिल कर चुका है भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की वजह से रिलायंस इस रैपिड टेस्टिंग सिस्टम को तुरंत स्थापित करना चाहती है. बता दें कि इजरायल ने अपने नागरिकों के 7 देशों में जाने पर पाबंदी लगा रखी है. इनमें भारत भी शामिल है. इजरायल के मेडिकल टेक्नोलॉजी कंपनी के एक्सपर्ट रिलायंस की टीम को भारत में इस सिस्टम को चलाना सिखाएंगे. कोरोना वायरस कैरियर और मरीजों की पहचान करने वाला यह सिस्टम देश में संक्रमण की रफ्तार घटाने में मददगार साबित हो सकता है. बताया जा रहा है कि इसके जरिए कोरोना टेस्ट के नतीजे कुछ सेकेंड में ही मिल सकते हैं.
RT-PCR के मुकाबले 98% है सफलता की दरबीओएच के इस सिस्टम के क्लिनिकल ट्रायल में पता लगा है कि स्टैंडर्ड पीसीआर टेस्ट के मुकाबले इसकी सफलता की दर 98 फीसदी है. इजरायल के हदाश मेडिकल सेंटर और सेवा मेडिकल सेंटर में इसका ट्रायल किया गया है. कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि बीओएच (BOH) की रैपिड टेस्टिंग किट भारत पहुंच चुकी है. इसके कामकाज शुरू करने के बाद भारत में कोरोना संक्रमण के मामलों पर काबू पाने में काफी मदद मिल सकती है. इजरायल के स्वास्थ्य उपमंत्री योव किश ने बीओएच के लैब में जाकर इस मशीन से जुड़ी तैयारियों का जायजा लिया था. भारत में 1 हफ्ते पहले आ चुके इस सिस्टम को जल्द इंस्टॉल किया जाना है.