घटना फरुखाबाद की है , जहाँ के अस्पताल में एक महिला ने जुड़वां बच्चियों को जन्म दिया | लेकिन अभी इन नवजात बच्चियों के आँख भी नहीं खुले थे की उनकी बेरहम माँ ने उन्हें बेटी होने की सजा दे डाली | बच्चा बेटी पैदा हुआ है ये जान कर इन बच्चियॉं की माँ ने इन्हे ठुकरा दिया और बच्चियों को अस्पताल में छोड़ कर चली गयीं |
लेकिन कहते हैं न की फ़रिश्ते. किसी न किसी रूप में अभी भी हैं | माँ ने भले ही जुड़वाँ बेटियों को ठुकरा दिया लेकिन जच्चा और बच्चा का इलाज करने वाली अविवाहित महिला डॉक्टर डॉ. कोमल यादव ने उन्हें अपना लिया। और उनकी माँ बन कर उन्हें गले से लगा लिया | हालाँकि डॉक्टर कोमल को उनके इस साहसिक कदम के लिए उनका साथ देने के बजाये अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें बहुत समझाया कि उनके इस कदम से क्या नफ़ा,नुक्सान हो सकता है | लेकिन उसने एक नहीं सुनी। सभी औपचारिकताएं पूरी कर सोमवार को वह दोनों बेटियों को लेकर अपने गाँव पहुँची तो पूरे गाँव ने उनका भव्य स्वागत किया और दोनों बच्चियों को हाथोंहाथ लिया।
गुलावठी गाँव ईसेपुर के निवासी सीताराम की 29 वर्षीय बेटी कोमल यादव बच्चियों के साथ काफी खुश हैं और बेटी बचाने की मुहीम की एक बेहतरीन मिसाल पेश की है |
डॉ. कोमल यादव वर्तमान में फर्रुखाबाद के एक निजी अस्पताल में तैनात हैं। डॉक्टर कोमल के मुताबिक उनकी ड्यूटी के दौरान 10 दिन पहले एक महिला ने अस्पताल में जुड़वाँ बेटियों को जन्म दिया था जो बाद में बच्चियों की छोड़ कर चली गयी थीं | उनका कहना है कि वो शादी भी उसी से करेंगी जो इन दोनों बच्चियों को अपनाएगा|
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