प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 22 दिसंबर, 2020 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को संबोधित करेंगे। आयोजन के दौरान प्रधानमंत्री एक डाक टिकट भी जारी करेंगे। प्रधानमंत्री का संबोधन सुबह 11 बजे से होगा। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति श्री सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन और केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक भी उपस्थित रहेंगे। 1964 के बाद पीएम मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं, जो एएमयू के वार्षिक कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। उनसे पहले लाल बहादुर शास्त्री ने यहां के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया था।
1920 में बना था अलीगढ़ विश्वविद्यालय
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय 1920 में भारतीय विधान परिषद के एक अधिनियम के माध्यम से एक विश्वविद्यालय बना। इस अधिनियम के तहत मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल (एमएओ) कॉलेज को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देकर एक विश्वविद्यालय बना दिया गया। एमएओ कॉलेज की स्थापना 1877 में सर सैयद अहमद खान ने की थी। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ शहर में स्थित इस विश्वविद्यालय का परिसर 467.6 हेक्टेयर भूमि पर फैला है। इसके तीन अन्य परिसर केन्द्र मलप्पुरम (केरल), मुर्शिदाबाद-जंगीपुर (पश्चिम बंगाल) और किशनगंज (बिहार) में हैं।
शिक्षकों में खुशी की लहर
प्रधानमंत्री कार्यालय से पीएम मोदी के सम्मेलन में वर्चुअल तरीके से शामिल होने की पुष्टि होते ही विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने पीएम मोदी को धन्यवाद ज्ञापित किया है। एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से शिक्षक संघ की कार्यकारी समिति ने प्रधानमंत्री से विश्वविद्यालय को मिलने वाले अनुदान में 20 से 30 प्रतिशत तक वृद्धि की मांग की है। कार्यकारी समिति का कहना है कि इस बढ़े हुए अनुदान से विश्वविद्यालय में मेडिकल साइंस, साइंस, लाइफ साइंसेस, विधि, साहित्य, के क्षेत्र में विस्तार करने में मदद मिलेगी। साथ ही यहां पर सेंटर ऑफ मिलिट्री, सेंटर ऑफ स्पेस और सेंटर ऑफ मरीन साइंस और नए छात्रावासों के लिए वित्तीय मदद की बात कही गई। उक्त मांगें कार्य समिति की बैठक में रखी गईं, जिस बाबत एक प्रस्ताव भी पारित किया गया। ये पहला मौका है जब प्रधानमंत्री मोदी अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ रु-ब -रु होंगे | अभी तक इस यूनिवर्सिटी के रुख को अगर मौजूदा सरकार के साथ रिश्तों के लिहाज़ से देखें तो थोड़ा तीखा ही रहा है |