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Friday, June 27, 2025

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा – वित्तीय रूप से स्वतंत्र मां को गुजारे के लिए बेटे की आय में से हिस्सा नहीं मिलेगा

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि वित्तीय रूप से स्वतंत्र मां को गुजारे के लिए बेटे की आय में से हिस्सा नहीं मिलेगा। कोर्ट ने निचली अदालत के उस आदेश में बदलाव करते हुए यह फैसला दिया है, जिसमें एक महिला की गुजाराभत्ता तय करते वक्त उसके पति की आय में से एक हिस्सा उसकी मां का भी निर्धारित किया गया था।

जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने कहा है कि तथ्यों से साफ है कि युवक (पति) की मां आर्थिक रूप से स्वतंत्र है क्योंकि उसे न सिर्फ रेलवे से पेंशन मिलती है, बल्कि 16 हजार रुपये का हर माह किराया भी मिल रहा है। ऐसे में गुजाराभत्ता तय करने में युवक के वेतन में उसकी मां का कोई अंश नहीं होगा। इसी के साथ हाईकोर्ट ने निचली अदालत द्वारा युवक के वेतन को छह हिस्सों में विभाजित (एक हिस्सा उसकी मां का भी) किए जाने के आदेश में बदलाव कर दिया।

कोर्ट ने कहा कि युवक के वेतन के सिर्फ पांच हिस्से होंगे, जिनमें दो हिस्से उसके, दो हिस्से उसके दोनों बच्चों के और एक हिस्सा अलग रह रही पत्नी का होगा। हाईकोर्ट ने यह फैसला करते हुए युवक को हर माह अपने दोनों बच्चों और पत्नी को 22 हजार रुपये के बजाय, 26 हजार 736 रुपये गुजाराभत्ता हर माह देने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ युवक और उसकी पत्नी की ओर से दाखिल अपील का निपटारा करते हुए यह आदेश दिया है।

युवक ने निचली अदालत द्वारा पत्नी और बच्चों को 22 हजार रुपये हर माह गुजाराभत्ता दिए जाने को अधिक बताते हुए चुनौती दी थी। जबकि, उसकी पत्नी ने कहा था कि पति के वेतन के हिसाब से उसे और उसके बच्चों के लिए निचली अदालत ने कम गुजाराभत्ता तय किया है।

पत्नी को किराये का घर देने की जिम्मेदारी पति की
हाईकोर्ट ने यह भी साफ किया है कि पति की जिम्मेदरी है कि वह अलग रह रही पत्नी और बच्चों के लिए किराये के घर का प्रबंध करे। कोर्ट ने पति की उस दलील को भी ठुकरा दिया, जिसमें उसने कहा था कि वह खुद किराये के घर में रह रहा है। कोर्ट ने सर्वोच्च कोर्ट के पूर्व के फैसले का हवाला देते हुए कहा है कि पत्नी और बच्चों के लिए किराए के घर का प्रबंध करना पति की जिम्मेदारी है।

पत्नी कुछ कमाती है तो भी गुजाराभत्ता की हकदार
हाईकोर्ट ने कहा है कि पत्नी कुछ आय अर्जित करती है, तो इस आधार पर उसे गुजाराभत्ता से वंचित नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा है कि पत्नी कमाती है तो भी गुजाराभत्ता पाने की हकदार है। खासकर तब जब पत्नी की आय का प्रमाण पेश नहीं किया गया हो।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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