दिल्ली सरकार अपने स्कूलों में पढ़ने वाले करीब आठ लाख बच्चों को मिड डे मील योजना के तहत सूखा राशन देगी। जब तक यह स्कूल नहीं खुले जाते तब तक यह योजना जारी रहेगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को मंडावली स्थित एक सरकारी स्कूल से इसकी शुरुआत की। उन्होंने कहा कि हमें अपने बच्चों के पौष्टिक आहार की चिंता है। इसलिए हमने सूखा राशन देने का फैसला किया है। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और कई विधायक मौजूद रहे।
हर बच्चे को छह महीने का राशन मिलेगा
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम बच्चों को सूखा राशन बांटने के लिए एकत्रित हुए है। बीते नौ माह बहुत मुश्किल से गुजरे। यह कब खत्म होगा इसकी उम्मीद अभी नजर नहीं आ रही है। सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों को हुई है। चिंता थी कि जो बच्चे मिल डे मील खाते होंगे, उनका क्या होगा। केजरीवाल ने कहा कि पहले हमने सोचा था कि मिड डे मील का जो पैसा बनता है, वह अभिभावकों के खाते में डाल दिया जाए। लेकिन सुझाव आया कि पैसा कही और खर्च हो जाएगा। उससे बेहतर राशन दिया जाए। आज राशन देने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। हर बच्चे के मुताबिक जितना राशन बनता है, उतना छह महीने का राशन हर परिवार को दिया जाएगा। इसके लिए स्कूल की ओर से अभिभावकों को सूचना दी जाएगी।
मेडिकल-आईआईटी में जा रहे सरकारी स्कूल के बच्चे
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में आज भी वही शिक्षक और बच्चे हैं, लेकिन माहौल बदल गया है। अब हमारे बच्चों के आईआईटी और मेडिकल में एडमिशन हो रहे हैं। दुनिया भर के लोग दिल्ली के स्कूल देखने आते हैं। यह दिल्ली वालों के लिए गर्व की बात है। हमारे स्कूलों के 94 प्रतिशत बच्चे अब भी ऑनलाइन कक्षाएं ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैंने आज यह स्कूल भी देखा है, बहुत सुंदर स्कूल है। पूरे देश भर में इस तरह के सरकारी स्कूल देखने को नहीं मिलते हैं। पहले स्कूलों का माहौल बड़ा गंदा होता था। तब हम कहते थे कि अध्यापक पढ़ा नहीं रहे हैं। अध्यापक तो आज भी वही हैं, लेकिन वही अध्यापक आज बहुत शानदार पढ़ा रहे हैं।
लॉकडाउन में प्रतिदिन 10 लाख लोगों को खाना खिलाया
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लॉकडाउन सबसे मुश्किल दौर था। लॉकडाउन में सब कुछ बंद हो गया था। रोजी-रोटी खत्म हो गई। नौकरी चली गई, दुकानें बंद हो गईं। खास तौर पर वो आदमी, जो रोज कमाता है और रोज खाता है। उसके लिए तो खाने के लाले पड़ गए थे। उस समय दिल्लीभर में 10 लाख लोगों के लिए रोज खाना बनता था। स्कूलों में लंच और डिनर व्यवस्था दिल्ली सरकार करती थी। उस दौरान हमने तीन महीने तक दिल्ली की 50 फीसदी आबादी को गेहूं, चावल, दाल, तेल और मसाले तीन महीने दिया ताकि कोई भूखा न मरे।
जब तक स्कूल नहीं खुलेंगे, तब तक जारी रहेगी योजना : सिसोदिया
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि कोरोना की वैक्सीन तो बन जाएगी, लेकिन शिक्षा के नुकसान की भरपाई मुश्किल है। हम रोज ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि स्कूल फिर से आबाद हों। लेकिन मुझे गर्व है कि तमाम मुश्किलों के बावजूद टीम एजुकेशन ने हिम्मत नहीं छोड़ी। सबने मेहनत करके 94 प्रतिशत बच्चों तक ऑनलाइन और सेमी ऑनलाइन के जरिए पहुंचने की बड़ी सफलता हासिल की। स्कूल बंद होने के कारण मिड-डे-मील बंद होना भी एक बड़ी समस्या थी। बहुत से परिवारों के पास दो वक्त की रोटी जुटाना मुश्किल था। ऐसे में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर हमने सूखा राशन बांटने का फैसला लिया। जब तक स्कूल फिर से नहीं खुलते हैं, तब तक यह योजना चलती रहेगी।