सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि विपक्ष बजट पर ‘अमीरों के हित’ में होने का आरोप लगा रहा है कि जबकि असल में यह मोदी सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को मज़बूती देने वाला और आत्मनिर्भर देश बनाने वाला है. राज्यसभा में शुक्रवार को बजट को लेकर हुई तकरीबन एक घंटे की बहस में वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोना काल के इस बजट का मक़सद उन लोगों को जल्दी राहत देना है जिन्हें इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है.
उन्होंने कहा, “इसके साथ ही हमारे बजट का लक्ष्य आने वाले दिनों भारत की विकास नीति को स्थिर रखना है ताकि देश सबसे तेज़ी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना रहे.”
निर्मला सीतारमण ने कहा कि सड़कें बनाने से लेकर कृषि और छात्रवृत्ति से लेकर बिजली जैसी लोक कल्याणकारी नीतियों के बावजूद विपक्ष बजट को लेकर यह भ्रम फैला रहा है कि सरकार इससे चंद कारोबारियों को फ़ायदा पहुँचा रही है.
उन्होंने कहा, “सरकार ने इस देश के ग़रीबों और ज़रूरतमंदों के की मदद के लिए कई क़दम उठाए हैं लेकिन इसके बावजूद झूठा आरोप लगाया जा रहा है कि सरकार सिर्फ़ कुछ पूँजीपतियों के लिए काम करती है.”हालाँकि वित्त मंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि ग़रीबों के लिए और ज़्यादा प्रयास किए जाने की ज़रूरत है.
सीतारमण ने कहा कि यह कांग्रेस के अगुआई वाली यूपीए सरकार थी जिसने कुछ ख़ास पूँजीपतियों को बढ़ावा दिया. उन्होंने सरकार की उपलब्धियाँ गिनाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1.67 करोड़ घर बनाए गए हैं और सौभाग्य योजना के तहत 2.67 करोड़े से ज़्यादा घरों में बिजली पहुँचाई गई है.
सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस जनहितकारी योजनाओं को अपना बताने के लिए बेताब है लेकिन उसकी नीतियों में कई ख़ामियाँ थीं.उन्होंने कहा, “हो सकता है आपने किसी योजना की शुरुआत की हो लेकिन उसके बाद आपने उसे बुरी हालत में छोड़ दिया. प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने के बाद हमने योजनाओं की सभी ख़ामियाँ दूर कीं और इसे कुशलतापूर्वक लागू किया.”|
