अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में शनिवार को भारतीय संसद द्वारा पारित कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। इस दौरान महात्मा गांधी की प्रतिमा को खंडित कर दिया गया। प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में वहीं प्रदर्शन करने के लिए वहां पहुंचे थे और कृषि कानूनों के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले बताया है कि वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास के बाहर प्रदर्शन के दौरान खालिस्तान के झंडे भी देखे गए।
भारतीय दूतावास ने शनिवार को कहा कि खालिस्तानियों के इस हरकत के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के समक्ष विरोध दर्ज कराया गया है। दूतावास के एक बयान के अनुसार, “महात्मा गांधी मेमोरियल प्लाजा में महात्मा गांधी की प्रतिमा को 12 दिसंबर 2020 को खालिस्तानी तत्वों द्वारा खंडित कर दिया गया। दूतावास गुंडों द्वारा की गई इस शरारती हरकत की कड़ी निंदा करता है।”
दूतावास ने कहा, “दूतावास ने अमेरिकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ एक मजबूत विरोध दर्ज कराया है और अमेरिकी राज्य विभाग के साथ इस मामले की जल्द से जल्द जांच करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।”
इससे पहले इसी महीने की शुरुआत में लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर आयोजित एक विरोध प्रदर्शन में खालिस्तानी झंडे देखे गए थे, जहां प्रदर्शनकारियों ने भारत विरोधी नारे लगाए थे। आपको बता दें कि इस मूर्ति का अनावरण पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा 16 सितंबर 2000 को अमेरिका की तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की उपस्थिति में अमेरिका यात्रा के दौरान किया गया था।
भारत में पंजाब, हरियाणा और कई अन्य राज्यों के हजारों किसान पिछले 17 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।