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Monday, June 30, 2025

आज अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस

आज पुरे देश में अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस मनाया जा रहा है, हर साल 20 मार्च को सम्पूर्ण भारत में अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने भूटान की पहल पर 20 मार्च को अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस घोषित किया है, जो सकल राष्ट्रीय उत्पाद के ऊपर सकल राष्ट्रीय आनंद की अवधारणा को निरंतर अहमियत देता है। यह दिवस वर्ष 2013 से हर साल दुनिया भर में खुशी के महत्व को समझने हेतु मनाया जाता है। पहला अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस 20 मार्च 2013 को मनाया गया था। अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस एक विश्वव्यापी आंदोलन की भांति काम कर रहा है जो ख़ुशी को मौलिक मानव अधिकार बनाये जाने हेतु जागरूकता प्रदान कर रहा है।

प्रसन्नता के स्तर में भारत में उत्तरोत्तर सुधार नहीं होने की वजह से भारत की अधिकतर आबादी तनावग्रसित है। संयुक्त राष्ट्र की ‘विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट 2019’ के मुताबिक, भारत खुशहाल देशों की सूची में बीते वर्ष के मुकाबले सात स्थान नीचे गिरकर 140वें स्थान पर पहुंच गया है। इस लिस्ट में 156 देशों को सम्मिलित किया गया है जिसमें फिनलैंड निरंतर दूसरी बार शीर्ष पर है। विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट 2019 में बताया गया है कि दुनिया भर में उदासी, चिंता तथा गुस्से जैसी नकारात्मक भावनाओं में बढ़ोतरी हुई है। 

बीते कुछ सालों की तुलना में दुनिया की औसत प्रसन्नता दर में भारी कमी आई है। भूटान से ही प्रसन्नता को मापने की अवधारणा आरम्भ हुई थी। यह रिपोर्ट प्रति व्यक्ति आय, जीडीपी, स्वास्थ्य, सामाजिक सहयोग, आपसी विश्वास,  जीवन संबंधी फैसले लेने की स्वतंत्रता तथा उदारता जैसे संकेतकों पर तैयार की जाती है। अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस की अवधारणा भूटान के ग्रॉस नेशनल हैप्पीनेस (जीएनएच) संकल्पना पर आधारित है। भूटान ने 20 मार्च को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है जिससे परिवार के व्यक्ति एक साथ रह सकें। भूटान के पीएम जिग्मे वाई थिनले ने कहा कि प्रसन्नता दिवस पर अवकाश घोषित कर सरकार ने प्रत्येक देशवासी को यह सोचने का मौका दिया है कि जीवन में आनंद की प्राप्ति हेतु क्या आवश्यक है। आज पुरे देश में अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस मनाया जा रहा है, हर साल 20 मार्च को सम्पूर्ण भारत में अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने भूटान की पहल पर 20 मार्च को अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस घोषित किया है, जो सकल राष्ट्रीय उत्पाद के ऊपर सकल राष्ट्रीय आनंद की अवधारणा को निरंतर अहमियत देता है। यह दिवस वर्ष 2013 से हर साल दुनिया भर में खुशी के महत्व को समझने हेतु मनाया जाता है। पहला अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस 20 मार्च 2013 को मनाया गया था। अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस एक विश्वव्यापी आंदोलन की भांति काम कर रहा है जो ख़ुशी को मौलिक मानव अधिकार बनाये जाने हेतु जागरूकता प्रदान कर रहा है।

प्रसन्नता के स्तर में भारत में उत्तरोत्तर सुधार नहीं होने की वजह से भारत की अधिकतर आबादी तनावग्रसित है। संयुक्त राष्ट्र की ‘विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट 2019’ के मुताबिक, भारत खुशहाल देशों की सूची में बीते वर्ष के मुकाबले सात स्थान नीचे गिरकर 140वें स्थान पर पहुंच गया है। इस लिस्ट में 156 देशों को सम्मिलित किया गया है जिसमें फिनलैंड निरंतर दूसरी बार शीर्ष पर है। विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट 2019 में बताया गया है कि दुनिया भर में उदासी, चिंता तथा गुस्से जैसी नकारात्मक भावनाओं में बढ़ोतरी हुई है। बीते कुछ सालों की तुलना में दुनिया की औसत प्रसन्नता दर में भारी कमी आई है। भूटान से ही प्रसन्नता को मापने की अवधारणा आरम्भ हुई थी। यह रिपोर्ट प्रति व्यक्ति आय, जीडीपी, स्वास्थ्य, सामाजिक सहयोग, आपसी विश्वास,  जीवन संबंधी फैसले लेने की स्वतंत्रता तथा उदारता जैसे संकेतकों पर तैयार की जाती है। अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस की अवधारणा भूटान के ग्रॉस नेशनल हैप्पीनेस (जीएनएच) संकल्पना पर आधारित है। भूटान ने 20 मार्च को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है जिससे परिवार के व्यक्ति एक साथ रह सकें। भूटान के पीएम जिग्मे वाई थिनले ने कहा कि प्रसन्नता दिवस पर अवकाश घोषित कर सरकार ने प्रत्येक देशवासी को यह सोचने का मौका दिया है कि जीवन में आनंद की प्राप्ति हेतु क्या आवश्यक है। 

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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