अयोध्या
रामनगरी अयोध्या के रामघाट पर विघ्नहर्ता भगवान गणेश का मंदिर बनेगा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय व अयोध्या नगर निगम के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने इसका भूमि पूजन किया। इसके साथ ही कोरोना महामारी के समय के लिए सात दिवसीय शतचंडी महायज्ञ अनुष्ठान की भी शुरुआत हो गई। पांच हजार मंदिरों की नगरी अयोध्या में रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का कार्य चल रहा है।
राममंदिर निर्माण का कार्य श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट करा रहा हैैराममंदिर के साथ में अब भगवान गणेश के मंदिर का निर्माण भी प्रारम्भ हो गया है। इसके लिए अयोध्या के रामघाट स्थित स्थल का चयन किया गया है। मंदिर में विराजमान होने वाली भगवान गणेश की मूर्ति का मुख राममंदिर की तरफ होगा। इसके निर्माण में वास्तुशास्त्र का भी खास ख्याल रखा गया है। इसका निर्माण अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय करा रहे हैं। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय व संत राजकुमार दास ने भूमि पूजन कर करके इसकी शुरुआत की।
7 7 दिन चलेगा शतचंडी महायज्ञ
गणेश मंदिर का भूमि पूजन कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए किया गया। जिसमें राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय और अयोध्या के वैदिक विद्वान साधु संत सीमित संख्या में शामिल हुए। अनुष्ठान कर रहे नगर निगम के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने बताया कि सात दिवसीय शतचंडी महायज्ञ अनुष्ठान से देश भर में चल रही कोरोना महामारी की समाप्ति का प्रार्थना की गई। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही विघ्नहर्ता भगवान गणेश से अयोध्या की समृद्धि और प्राकृतिक आपदाओं से आने वाली बाधाओं को समाप्त करने की प्रार्थना की जा रही है। इस सात दिवसीय चलने वाले शतचंडी महायज्ञ में प्रतिदिन 25,000 आहुतियां डाली जाएंगी। 7 दिन में सवा लाख आहुतियां यज्ञशाला में डाली जाएंगी।7 दिन चलेगा शतचंडी महायज्ञगणेश मंदिर का भूमि पूजन कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए किया गया। जिसमें राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय और अयोध्या के वैदिक विद्वान साधु संत सीमित संख्या में शामिल हुए। अनुष्ठान कर रहे नगर निगम के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने बताया कि सात दिवसीय शतचंडी महायज्ञ अनुष्ठान से देश भर में चल रही कोरोना महामारी की समाप्ति का प्रार्थना की गई। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही विघ्नहर्ता भगवान गणेश से अयोध्या की समृद्धि और प्राकृतिक आपदाओं से आने वाली बाधाओं को समाप्त करने की प्रार्थना की जा रही है। इस सात दिवसीय चलने वाले शतचंडी महायज्ञ में प्रतिदिन 25,000 आहुतियां डाली जाएंगी। 7 दिन में सवा लाख आहुतियां यज्ञशाला में डाली जाएंगी।