लखनऊ, 16 अक्टूबर 2024, बुधवार। खाने में थूकने और जूस में यूरिन करने वालों की अब खैर नहीं है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार ने ऐसे लोगों से सख्ती से निपटने की तैयारी की है। धामी सरकार ने होटल्स, रेस्टोरेंट में सीसीटीवी लगाने और कामगारों का सत्यापन कराने का दिया आदेश। उधर, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने जिला अधिकारियों के साथ की बैठक और कहा कि जल्द कठोर कानून लाएंगे।
खबरों के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में हाल के दिनों में घटित जूस, दाल और रोटी जैसी खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट/अखाद्य/गंदी चीजों की मिलावट की घटनाओं पर स्थायी रोक लगाने के लिए प्रस्तावित नए कानून पर विमर्श किया। इस बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा अधिकारियों को कई अहम दिशानिर्देश दिए गए हैं। इन दिशानिर्देशों में खान-पान की चीजों में मिलावटों को अजामनतीय मानते हुए कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है।
बता दें, प्रदेश में पिछले दिनों सोशल मीडिया पर कई ऐसे विडियो वायरल हुए थे जिनमें जूस, दाल, रोटी जैसी खान-पान की चीजों में दुकानदार या कुक थूकते हुए देखे गए थे। कुछ जगहों पर गंदगी मिलाने की भी शिकायतें थीं। सीएम ने इन घटनाओं पर सख्त कार्रवाई के लिए कानून तैयार करने को कहा था।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिए ये निर्देश:
सीएम योगी ने कहा कि हाल के दिनों में देश के विभिन्न क्षेत्रों में जूस, दाल और रोटी जैसी खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट/अखाद्य/गंदी चीजों की मिलावट की घटनाएं देखने को मिली हैं। ऐसी घटनाएं वीभत्स हैं और आम आदमी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली हैं। यह सामाजिक सौहार्द पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं। ऐसे कुत्सित प्रयास कतई स्वीकार नहीं किया जा सकते।
खाद्य पदार्थों की पवित्रता सुनिश्चित करने तथा सार्वजनिक व्यवस्था के बारे में उपभोक्ताओं में विश्वास बनाए रखने की महत्ता के दृष्टिगत कठोर कानून बनाया जाना आवश्यक है। होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, स्ट्रीट वेंडर से जुड़ी इन गतिविधियों के संबंध में सुस्पष्ट कानून तैयार करें। कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कारावास और अर्थदंड की सजा सुनिश्चित होनी चाहिए। ऐसे अपराध को संज्ञेय और अजमानतीय मानते हुए कार्रवाई की जानी चाहिए।
अपनी पहचान छुपा कर असामाजिक तत्वों को खान-पान की वस्तुओं एवं पेय पदार्थ में मानव अपशिष्ट, अखाद्य, गंदी चीजों की मिलावट में रोकने की एक भी गतिविधि न हो, इसे कानून के माध्यम से सुनिश्चित करना होगा। ऐसी असामाजिक गतिविधियों पर कड़ाई से लगाम लगाया जाना चाहिए।
हर उपभोक्ता को यह अधिकार हो कि वह खाद्य एवं पेय पदार्थों के विक्रेता तथा सेवा प्रदाताओं के बारे में आवश्यक जानकारी रख सके। इसके लिए विक्रेता द्वारा प्रतिष्ठान पर साइनबोर्ड लगाना अनिवार्य हो। खाद्य प्रतिष्ठान में काम करने वाले सभी कार्मिकों को पहचान पत्र धारण करना अनिवार्य हो। छद्म नाम रखने, गलत जानकारी देने वालों के विरुद्ध कठोरतम सजा का प्रावधान होना चाहिए।
प्रत्येक खाद्य प्रतिष्ठान द्वारा यह सुनिश्चित किया जाए कि उसका भोजन दूषित न हो। खाद्य प्रतिष्ठानों के रसोईघर एवं भोजन कक्ष में सतत निगरानी के लिए पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य हो, जिसकी न्यूनतम एक माह की फुटेज जिला प्रशासन द्वारा मांगे जाने पर हर समय उपलब्ध कराई जाए। रसोईघर में भोजन पकाते समय और भोजन प्रतिष्ठान में उसे परोसते समय सिर दकना, मास्क पहनना और दस्ताने पहनना अनिवार्य होना चाहिए। खाद्य कारोबारकर्ता द्वारा प्रतिष्ठान में कार्यरत कार्मिकों का विवरण सम्बंधित धाने को उपलब्ध कराया जाना चाहिए। यदि किसी खाद्य प्रतिष्ठान में किसी कार्मिक के घुसपैठिया अथवा अवैध विदेशी नागरिक होने की पुष्टि होती है तो इनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। कानून में इस संबंध में स्पष्ट प्रावधान किया जाए।