वाराणसी, 17 जून 2025, मंगलवार। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी बैठकों में हमेशा शांत और शालीन अंदाज़ में पेश आते हैं, चाहे सामने जनप्रतिनिधि हों या अधिकारी। वह गुस्से में बात करने के बजाय संयम और सौम्यता से अपनी बात रखते हैं। लेकिन सोमवार को वाराणसी के सर्किट हाउस में हुई एक बैठक में दो विधायकों की बार-बार टोका-टोकी ने उनके धैर्य की परीक्षा ले ली।
योगी की कार्यशैली व्यवस्थित और अनुशासित है। वह हर बैठक में एक-एक जनप्रतिनिधि से उनके क्षेत्र की समस्याओं और जरूरतों के बारे में पूछते हैं। लेकिन इस बार कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने बार-बार बीच में बोलकर माहौल को बाधित किया। वह रथयात्रा चौराहे पर डिवाइडर तोड़ने की जिद पर अड़े थे। कई बार टोकने के बाद योगी का सब्र जवाब दे गया। उन्होंने सख्त लहजे में चेतावनी दी, “डिवाइडर सुगम यातायात और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बनाए गए हैं। इन्हें नहीं तोड़ा जाएगा!” उनकी यह दृढ़ता सुनकर सौरभ तुरंत शांत हो गए।
इसी तरह, सकलडीहा के विधायक सुशील सिंह भी बैठक में अनुशासन भूल बैठे। वह बार-बार बीच में बोल रहे थे और एक अधिकारी से बातचीत में मशगूल थे। योगी ने तुरंत टोकते हुए कहा, “सुशील सिंह, बैठक में यह रनिंग कमेंट्री बंद कीजिए!” उनकी यह फटकार सुनकर सुशील सिंह भी चुपचाप अपनी जगह पर बैठ गए।
योगी की यह अनुशासित और स्पष्ट कार्यशैली न केवल उनकी नेतृत्व क्षमता को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि वह अपने लक्ष्यों और नियमों के साथ कोई समझौता नहीं करते। बैठक में मौजूद सभी लोग इस बात को अच्छी तरह समझ गए कि मुख्यमंत्री के सामने अनुशासन और गंभीरता ही सर्वोपरि है।