लखनऊ, 26 अप्रैल 2025, शनिवार: अमेरिका और चीन के बीच चल रहा टैरिफ वार जहां वैश्विक अर्थव्यवस्था में हलचल मचा रहा है, वहीं उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इसे अपने लिए एक सुनहरा अवसर बनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। बेहतर कानून-व्यवस्था, विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा, सस्ता और कुशल मानव संसाधन, और सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को बढ़ावा देने वाली नीतियों के दम पर उत्तर प्रदेश अन्य राज्यों से कहीं आगे निकलने को तैयार है। योगी सरकार का विजन स्पष्ट है: 2030 तक राज्य के निर्यात को तीन गुना बढ़ाना, और इस लक्ष्य को हासिल करने में नई निर्यात नीति, इंटरनेशनल ट्रेड शो और ‘एक जिला एक उत्पाद’ (ओडीओपी) योजना की अहम भूमिका होगी।
टैरिफ वार: चुनौती नहीं, अवसर
अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बदलाव की संभावनाएं खोल दी हैं। चीन, जो अमेरिका को 148 अरब डॉलर के रोजमर्रा के सामान निर्यात करता है, उसकी हिस्सेदारी 72% है, जबकि भारत की मात्र 2%। यह अंतर उत्तर प्रदेश के लिए एक बड़ा अवसर है। योगी सरकार इस मौके को भुनाने के लिए व्यापक रणनीति पर काम कर रही है। विश्वस्तरीय एक्सप्रेसवे, इंटरनेशनल एयरपोर्ट, और जलमार्ग जैसी सुविधाओं के साथ-साथ एमएसएमई सेक्टर को मजबूत करने की नीतियां राज्य को निवेशकों का पसंदीदा गंतव्य बना रही हैं।
नई निर्यात नीति: पारदर्शिता और प्रगति की कुंजी
योगी सरकार जल्द ही एक नई निर्यात संवर्धन नीति लाने जा रही है, जिसमें ‘इन्वेस्ट यूपी’ को और प्रभावी व पारदर्शी बनाया जाएगा। इसके तहत निर्यात संवर्धन कोष की स्थापना होगी, जो उत्तर प्रदेश के उत्पादों को वैश्विक बाजार में ब्रांड यूपी के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा। इसके अलावा, लेदर और फुटवेयर नीति भी प्रस्तावित है, जिससे कानपुर, उन्नाव और आगरा जैसे शहरों में इस उद्योग को नई ऊंचाइयां मिलेंगी। देश के 46% लेदर और फुटवेयर निर्यात में योगदान देने वाला उत्तर प्रदेश इस नीति के लागू होने से और मजबूत होगा।
इंटरनेशनल ट्रेड शो: ब्रांड यूपी की वैश्विक पहचान
उत्तर प्रदेश के उत्पादों को वैश्विक मंच पर चमकाने के लिए ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में हर साल इंटरनेशनल ट्रेड शो आयोजित किया जाता है। इस साल 25 से 27 सितंबर तक होने वाले इस मेगा आयोजन में वियतनाम पार्टनर देश होगा। 70 देशों से लाखों लोग इस आयोजन में शामिल होंगे और ब्रांड यूपी की ताकत को करीब से देखेंगे। इस बार आयोजन को और भव्य बनाने के लिए महाराष्ट्र, दक्षिण भारत, दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद और इंदौर जैसे शहरों के प्रमुख स्थानों, एयरपोर्ट्स और रेलवे स्टेशनों पर इसका व्यापक प्रचार किया जाएगा।
एमएसएमई और ओडीओपी: निर्यात की रीढ़
टैरिफ वार उत्तर प्रदेश के 96 लाख एमएसएमई इकाइयों के लिए स्वर्णिम अवसर है। ये इकाइयां रोजमर्रा के सामान बनाती हैं, जिनकी वैश्विक मांग को पूरा करने की अपार संभावनाएं हैं। सरकार इन इकाइयों को गुणवत्ता और कीमत के मामले में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रही है। खास तौर पर ‘एक जिला एक उत्पाद’ योजना ने निर्यात में क्रांतिकारी बदलाव लाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस योजना की तारीफ करते हुए बताया कि इसके शुरू होने के बाद से राज्य का निर्यात 88,967 करोड़ रुपये से बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। अब सरकार का लक्ष्य इसे 2030 तक तीन गुना करना है।