लखनऊ, 12 अप्रैल 2025, शनिवार। उत्तर प्रदेश में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के कार्यों में पारदर्शिता और गुणवत्ता को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक ठोस पहल शुरू की है। उनके निर्देश पर शासन ने आठ वरिष्ठ अधिकारियों को राज्य के विभिन्न जोनों का नोडल अधिकारी नियुक्त किया है, जो अब फील्ड में उतरकर सड़कों, भवनों और सेतुओं के निर्माण कार्यों की बारीकी से निगरानी करेंगे।
मुख्यमंत्री स्वयं पीडब्ल्यूडी के कार्यों की नियमित समीक्षा कर रहे हैं, क्योंकि वह विभागीय मंत्री भी हैं। हाल ही में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में उन्होंने सभी जोनों के कार्यों की गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए अलग-अलग अधिकारियों की तैनाती का निर्देश दिया था। इसके तहत प्रमुख सचिव अजय चौहान को लखनऊ, गोरखपुर और मेरठ जोन की जिम्मेदारी दी गई है।
इसी तरह, सचिव प्रकाश बिन्दु को मिर्जापुर और वाराणसी, भूपेंद्र एस. चौधरी को अयोध्या और कानपुर, विशेष सचिव शेषनाथ को देवीपाटन और आजमगढ़, अमित आसेरी को आगरा, अलीगढ़ और सहारनपुर, विभागाध्यक्ष मुकेश चंद्र शर्मा को बरेली और मुरादाबाद, प्रमुख अभियंता श्रीराज को झांसी और बांदा, तथा एके द्विवेदी को प्रयागराज और बस्ती जोन के कार्यों की निगरानी का दायित्व सौंपा गया है।
इन नोडल अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने जोनों का नियमित दौरा करें, जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों के साथ बैठकें आयोजित करें, तथा कार्यों का भौतिक और वित्तीय निरीक्षण करें। इसके बाद, उनकी विस्तृत समीक्षा रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
यह कदम न केवल पीडब्ल्यूडी के कार्यों में जवाबदेही बढ़ाएगा, बल्कि प्रदेश की आधारभूत संरचना को और मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री की इस पहल से यह साफ है कि उत्तर प्रदेश में विकास के हर कदम पर गुणवत्ता और पारदर्शिता सर्वोपरि रहेगी।