लखनऊ, 18 मार्च 2025, मंगलवार। उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि राज्य सरकार निराश्रित गोवंश की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को नवीन दृष्टिकोण अपनाने, प्रभावी नीतियों का पालन करने और विभाग के हित में काम करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि सड़क हादसों से गोवंश और अन्य पशुओं को बचाने के लिए राजमार्गों के पास स्थित गांवों में पशुपालकों के पशुओं के गले में रेडियम पट्टी लगाने की योजना तैयार की गई है। इस अभियान की शुरुआत लखनऊ जिले में 19 मार्च 2025 से होगी।
यह निर्देश श्री सिंह ने विधान भवन में अपने कार्यालय में विभागीय कार्यों की समीक्षा के दौरान दिए। उन्होंने कहा कि सड़कों और राजमार्गों के आसपास के गांवों में रात के समय पशुओं के सड़क पर आने से दुर्घटनाओं का खतरा रहता है। इसे रोकने के लिए जिलाधिकारियों को पशुओं के गले में रेडियम पट्टी लगाने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों को हाईवे के किनारे पांच-पांच गांवों को चिह्नित कर वहां के गोवंश को रेडियम बेल्ट पहनाने का काम करने को कहा गया है। इस कार्यक्रम में ग्राम प्रधान, महिला सहायता समूह और अन्य प्रमुख लोगों को शामिल करने का निर्देश भी दिया गया।
श्री सिंह ने बताया कि वर्ष 2018-19 में निराश्रित गोवंश की समस्या के समाधान के लिए नीति बनाई गई थी। 20वीं पशु गणना के अनुसार, प्रदेश में 11,84,494 निराश्रित गोवंश को संरक्षित करने के लिए बड़े गो संरक्षण केंद्र, अस्थायी गो आश्रय स्थल और कान्हा गो आश्रय स्थल स्थापित करने का फैसला लिया गया। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में 6,743 अस्थायी गो आश्रय स्थल, 372 बड़े गो संरक्षण केंद्र, 306 कांजी हाउस और शहरी क्षेत्रों में 293 कान्हा गो आश्रय स्थल सहित कुल 7,714 गो आश्रय स्थलों में 12,52,338 निराश्रित गोवंश संरक्षित हैं। मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत 1,05,139 इच्छुक लाभार्थियों को 1,62,625 निराश्रित गोवंश दिए गए हैं। इसके लिए 543 बड़े गो संरक्षण केंद्रों को मंजूरी दी गई, जिनमें से 372 का निर्माण पूरा हो चुका है।
मंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि पीसीडीएफ के बंद पड़े प्लांट को फिर से शुरू किया जाए। गर्मियों में पराग की आइसक्रीम, छाछ और लस्सी लोगों को आसानी से मिले, इसके लिए जगह-जगह पराग बूथ और पार्लर खोले जाएं। साथ ही, शहर के होटल, रेस्तरां, अस्पताल और तहसील जैसे स्थानों पर पराग उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इसके लिए विभाग के विपणन प्रभाग को सक्रिय करने, अधिकारियों को क्षेत्रों का दौरा कर बूथों की संख्या बढ़ाने और आपूर्ति व्यवस्था को मजबूत करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में प्रमुख सचिव पशुधन रवीन्द्र नायक, विशेष सचिव पशुधन देवेन्द्र कुमार पाण्डेय, दुग्ध आयुक्त राकेश कुमार मिश्र, पशुपालन विभाग के निदेशक, प्रशासन एवं विकास डा० जयकेश कुमार पाण्डेय, तथा निदेशक, रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र डा० योगेन्द्र सिंह पवार, संयुक्त निदेशक डॉ0 पी0 एन0 सिंह सहित शासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।