कानपुर देहात, 25 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में महिला कल्याण एवं बाल विकास राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला ने गुरुवार को कानपुर देहात के अकबरपुर कोतवाली में अपनी ही सरकार की पुलिस के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर सनसनी मचा दी। आरोप है कि कोतवाली प्रभारी सतीश सिंह ने उनके समर्थकों और भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ अनुसूचित जाति/जनजाति (एससी/एसटी) अधिनियम के तहत फर्जी मुकदमा दर्ज किया। भारी बारिश के बावजूद मंत्री प्रतिभा शुक्ला और उनके पति, पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी, करीब छह घंटे तक धरने पर डटे रहे। इस घटना ने प्रदेश की सियासत और पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
विवाद की जड़: सड़क निर्माण और क्रॉस FIR
मामला अकबरपुर के बदलापुर में विधायक निधि से बन रही एक सड़क के निर्माण से शुरू हुआ। स्थानीय सभासद शमशाद खान ने निर्माण कार्य को रुकवा दिया, जिसके बाद ठेकेदार ने उनके खिलाफ रंगदारी और सरकारी कार्य में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज कराया। इसके जवाब में सभासद के समर्थक बाबूराम गौतम ने गुरुवार को मंत्री के पांच समर्थकों, जिनमें भाजपा मंडल उपाध्यक्ष शिवा पांडेय व अन्य के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत क्रॉस FIR दर्ज कराई। इस क्रॉस FIR से नाराज राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला दोपहर करीब 3 बजे कोतवाली पहुंचीं और धरने पर बैठ गईं। उन्होंने कोतवाली प्रभारी सतीश सिंह को तत्काल हटाने और फर्जी मुकदमे की जांच की मांग की।
धरने से पुलिस प्रशासन में हड़कंप
मंत्री के धरने की खबर फैलते ही कोतवाली के बाहर उनके समर्थकों की भीड़ जुट गई और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू हो गई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया। सर्कल ऑफिसर (सीओ) प्रिया सिंह ने मंत्री को मनाने की कोशिश की, लेकिन वह डीएम और एसपी के मौके पर पहुंचने की मांग पर अड़ी रहीं। बाद में डीएम आलोक सिंह और एसपी अरविंद मिश्रा कोतवाली पहुंचे, लेकिन मंत्री ने उनकी गुहार को ठुकराते हुए धरना जारी रखा।
अनिल शुक्ला की डिप्टी सीएम से तीखी बातचीत
धरने के दौरान पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी भी कोतवाली पहुंचे और अपनी पत्नी के साथ धरने में शामिल हो गए। इस बीच, एक वायरल वीडियो में अनिल शुक्ला को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से फोन पर तीखी बातचीत करते सुना गया। वीडियो में अनिल शुक्ला कहते हैं, “आप कहें तो हम लोग राजनीति छोड़ दें या फांसी पर लटक जाएं। आपको डिप्टी सीएम इसलिए बनाया गया कि आप ब्राह्मणों की रक्षा करें, लेकिन यहां ब्राह्मणों पर फर्जी मुकदमे लिखे जा रहे हैं और उन्हें अपमानित किया जा रहा है।” इस बातचीत ने सोशल मीडिया पर तूल पकड़ लिया और विपक्ष को सरकार पर निशाना साधने का मौका दे दिया।
अखिलेश यादव ने कसा तंज
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना पर योगी सरकार पर तंज कसते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “सत्ताधारी राज्यमंत्री महोदया खुद अपनी पुलिस की करतूतों के खिलाफ धरना दे रही हैं, मुख्यमंत्री जी को कुछ और सबूत चाहिए क्या? भाजपा जाएगी तो पुलिस व्यवस्था आएगी।” इस पोस्ट के साथ उन्होंने अनिल शुक्ला और डिप्टी सीएम की बातचीत का वीडियो भी साझा किया।
धरना समाप्त, जांच का आश्वासन
लगभग छह घंटे के हंगामे और तनाव के बाद देर शाम एसपी अरविंद मिश्रा ने चौकी प्रभारी को लाइन हाजिर करने और मामले की निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। इसके बाद राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला और उनके पति ने धरना समाप्त किया। डीएम आलोक सिंह ने बताया कि अतिरिक्त एसपी राजेश पांडे को मामले की विस्तृत जांच सौंपी गई है।
सियासी और प्रशासनिक सवाल
इस घटना ने उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था और सत्ताधारी दल के भीतर की एकता पर सवाल उठा दिए हैं। एक तरफ जहां विपक्ष ने इसे पुलिस प्रशासन की नाकामी और सरकार की अंदरूनी कलह का सबूत बताया, वहीं दूसरी तरफ भाजपा कार्यकर्ताओं में इस बात को लेकर नाराजगी है कि उनकी ही सरकार में उनके खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज हो रहे हैं। मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने चेतावनी दी कि अगर भविष्य में भी कार्यकर्ताओं के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज किए गए, तो वह फिर से धरना देंगी।
यह घटना न केवल कानपुर देहात बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश की सियासत में चर्चा का विषय बन गई है। योगी सरकार की मंत्री द्वारा अपनी ही पुलिस के खिलाफ धरना देना और उनके पति की डिप्टी सीएम से तीखी बातचीत ने सत्ताधारी दल और प्रशासन के बीच तनाव को उजागर कर दिया है। मामले की जांच के परिणाम और इसकी सियासी गूंज पर सभी की नजरें टिकी हैं।