लखनऊ, 19 फरवरी 2025, बुधवार। उत्तर प्रदेश विधानसभा में सीएम योगी आदित्यनाथ का शायराना अंदाज देखने को मिला, उन्होंने कहा ‘इसीलिए.. बड़ा हसीन है, इनकी जबां का जादू। लगा के आग, बहारों की बात करते हैं, जिन्होंने रात में चुन चुन कर बस्तियों को लूटा,वही नसीबों के मारो की बात करते हैं।’ दरसल, उत्तर प्रदेश विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा और महाकुंभ को लेकर चल रही बयानबाजी पर भी कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि संगम में 56 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं और विपक्षी जब आस्था के खिलाफ अनर्गल प्रलाप करते हैं तो यह 56 करोड़ की आस्था के खिलाफ है।
योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि महाकुंभ किसी सरकार का आयोजन नहीं है, बल्कि सरकार पीछे से सहयोग कर रही है। उन्होंने 29 तारीख के स्टैंपेड में शिकार हुए श्रद्धालुओं और अन्य सड़क दुर्घटनाओं में हताहत हुए लोगों के साथ संवेदना व्यक्त की और कहा कि सरकार उनके साथ खड़ी है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि काहिरा का वीडियो महाकुंभ के साथ जोड़ा गया और नेपाल, झारखंड के अन्य घटनाओं के वीडियो महाकुंभ का बताया गया। यह आरोप लगाया गया है कि विपक्षी दल महाकुंभ को लेकर गलत जानकारी फैला रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में शुरुआत के साथ ही कड़े तेवर दिखाए। विपक्ष पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षी दल महाकुंभ का विरोध पहले दिन से कर रहे थे, लेकिन जब उन्हें चर्चा में शामिल होने का मौका दिया गया, तो उन्होंने भाग लेने से इनकार कर दिया। सीएम योगी ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने पहले बयान दिया था कि इतना पैसा और इतना विस्तार देने की क्या जरूरत है? उन्होंने यह भी कहा कि सपा के सोशल मीडिया हैंडल पर इस्तेमाल की जाने वाली भाषा उनके संस्कारों को प्रदर्शित करती है, जो किसी सभ्य समाज की नहीं हो सकती।
इसके अलावा, सीएम योगी ने कहा कि विपक्षी दलों के नेताओं ने महाकुंभ को लेकर कई गलत बयान दिए हैं। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव को महाकुंभ फालतू दिखाई देता है, जबकि एक अन्य नेत्री ने कहा कि महाकुंभ मृत्युकुंभ है। सीएम योगी ने यह भी कहा कि सनातन के आयोजन को भव्यता से करना क्या कोई अपराध है? अगर है, तो इसको हमारी सरकार कर रही है और आगे भी करेगी।
सीएम योगी ने विपक्षी दलों के दुष्प्रचार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि संक्रमित व्यक्ति का कोई उपचार नहीं होता और वह अपने आप ही कुढ़ता रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि महान कार्य को तीन अवस्थाओं से गुजरना पड़ता है – उपहास से, विरोध से और अंततः स्वीकृति से। उन्होंने कहा कि स्वीकृति का इससे बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है कि समाजवादी पार्टी अध्यक्ष जो विरोध कर रहे थे, जाकर चुपके से स्नान कर आये।