नई दिल्ली, 29 मार्च 2025, शनिवार। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने हाल ही में समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव के एक बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी, जिसमें गाय को लेकर विवादास्पद टिप्पणी की गई थी। भूपेंद्र यादव ने अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग खुद को डॉ. राम मनोहर लोहिया की विरासत का वारिस बताते हैं, वे गाय को दुर्गंध का स्रोत और इत्र को सुगंध का प्रतीक बताने लगे हैं। उन्होंने तंज कसते हुए पूछा, “क्या इत्र को आप गाय के दूध की तरह पी जाएंगे?” उनका कहना था कि हर चीज का अपना महत्व होता है और समाज में संतुलन बनाए रखना जरूरी है। ऐसे बयानों से सिर्फ वैमनस्य फैलता है, जो किसी के हित में नहीं।
बिहार चुनाव: विचारधारा की जंग
जब बात बिहार विधानसभा चुनाव और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के साथ रिश्तों की आई, तो भूपेंद्र यादव ने इसे विचारधाराओं की टक्कर करार दिया। उन्होंने कहा कि एक तरफ वह सोच है जो बिहार को फिर से भय और जातिगत विद्वेष के दौर में धकेलना चाहती है, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी और उसके सहयोगी एकजुट होकर विकास और सद्भाव का रास्ता अपनाए हुए हैं। राजद नेताओं की कुंभ मेले पर की गई टिप्पणी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी कभी धर्म के नाम पर बंटवारा नहीं करती। “हम गठबंधन धर्म में यकीन रखते हैं और अपने सहयोगियों के साथ मिलकर आगे बढ़ते हैं।”
राहुल गांधी के आरोपों का जवाब
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस दावे पर कि उन्हें संसद में बोलने नहीं दिया जाता, भूपेंद्र यादव ने करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा, “राहुल जी तो 45 मिनट तक संसद में बोले। उनकी बहन प्रियंका भी बोलती हैं। वे अंदर बोलते हैं, बाहर बोलते हैं। आखिर कौन उनका माइक बंद कर रहा है?” यादव ने साफ किया कि ये आरोप बेबुनियाद हैं और विपक्ष को अपनी बात रखने का पूरा मौका मिलता है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष की भूमिका पर सस्पेंस
जब उनसे पूछा गया कि क्या वे भविष्य में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालेंगे, तो यादव ने अपने जवाब में पार्टी की लोकतांत्रिक परंपरा का हवाला दिया। उन्होंने कहा, “पार्टी जो जिम्मेदारी देती है, कार्यकर्ता उसे निभाता है। हमारे यहां सब कुछ लोकतांत्रिक तरीके से तय होता है। जो भी भूमिका मिलेगी, उसे स्वीकार किया जाएगा।”
भूपेंद्र यादव के ये बयान न सिर्फ उनकी बेबाकी दिखाते हैं, बल्कि बीजेपी की रणनीति और गठबंधन के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करते हैं। चाहे गाय का मुद्दा हो, बिहार का चुनावी मैदान हो या संसद में विपक्ष के आरोप, यादव ने हर सवाल का जवाब अपने अंदाज में दिया।