N/A
Total Visitor
34.6 C
Delhi
Thursday, June 19, 2025

क्या संभल दंगों की जांच फिर से शुरू होगी?

लखनऊ, 9 जनवरी 2025, गुरुवार। संभल जिले में 1978 के दंगों की दोबारा जांच को लेकर चल रही चर्चाओं पर पुलिस ने स्थिति स्पष्ट की है। एसपी केके विश्नोई ने साफ किया है कि दंगों की दोबारा जांच नहीं हो रही है, बल्कि शासन द्वारा मांगी गई जानकारी को एकत्र किया जा रहा है। इस मामले में स्थानीय एमएलसी श्रीचंद शर्मा ने 17 दिसंबर को एक पत्र लिखकर 1978 में हुए दंगों का मुद्दा उठाया था। इसके बाद शासन ने इस संबंध में आख्या मांगी है, जिसे पुलिस द्वारा दंगों से जुड़ी सूचनाएं और तथ्य जुटाकर तैयार किया जा रहा है।
इस रिपोर्ट में दंगों के दौरान हुई घटनाओं, नुकसान और अन्य संबंधित बिंदुओं पर जानकारी एकत्र की जा रही है। एसपी ने इस बात पर जोर दिया है कि दंगों की दोबारा जांच को लेकर जो बातें सामने आ रही हैं, वे पूरी तरह से भ्रामक हैं। वर्तमान में केवल सूचनाएं और तथ्य इकट्ठा किए जा रहे हैं, ताकि शासन के निर्देशों के अनुसार रिपोर्ट तैयार की जा सके। यह रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी, जिससे उन्हें इस मामले में आवश्यक कार्रवाई करने में मदद मिलेगी।
संभल दंगों का दर्द: 209 हिंदुओं की मौत, 46 साल बाद भी न्याय का इंतजार
गौरतलब है कि, बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में बताया कि 1947 से लेकर अब तक संभल में दंगों के चलते 209 हिंदुओं की जान गई है। 29 मार्च 1978 को संभल में दंगे के दौरान आगजनी की घटनाएं हुई थीं, जिसमें कई हिंदू मारे गए थे। इस घटना के बाद 40 रस्तोगी परिवारों को घर छोड़कर भागना पड़ा था। घटना के 46 साल बाद भी किसी को सजा नहीं मिली है। हालांकि, प्रशासन और स्थानीय लोगों की सक्रियता से 46 साल से बंद मंदिर के पट खुल गए हैं और अधिकारी अब संभल दंगों से जुड़ी फाइलों को खंगाल रहे हैं।
संभल का वो खूनी दिन: 2 महीने तक लगा रहा कर्फ्यू, शहर जल उठा था
संभल में 29 मार्च 1978 को हुए दंगे ने शहर को जलाकर राख कर दिया था। हालात को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया था, लेकिन तनावपूर्ण स्थिति बनी रही। दोनों समुदायों के बीच तनाव बढ़ता गया, जिससे कर्फ्यू का अंतराल बढ़ता गया। नतीजतन, संभल में दो महीने तक कर्फ्यू लगा रहा, जिससे शहर की जिंदगी पूरी तरह से ठहर गई थी।
संभल का वो खूनी दंगा: इमाम की हत्या से भड़की हिंसा, शहर जल उठा था
वर्ष 1976 में संभल में मस्जिद के इमाम की हत्या के बाद शहर में भारी तनाव फैल गया था। उस वक्त प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन शहर में दंगे की स्थिति बनी रही। मुस्लिम लीग के एक नेता ने बाजार में दुकानों को बंद करने का आह्वान किया, जिसका दूसरे समुदाय के व्यापारियों ने विरोध किया। मारपीट के बाद नेता के साथी मौके से भाग निकले और उन्होंने नेता के मारे जाने की अफवाह फैला दी। इसके बाद दंगा भड़क गया और दुकानों में लूटपाट, पथराव, आगजनी शुरू हो गई। देखते ही देखते पूरा शहर जल उठा था। इस दंगे में कई लोग मारे गए और करीब 169 मुकदमे दर्ज किए गए थे, जिनमें तीन एफआईआर पुलिस की ओर से दर्ज कराई गई थीं।

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »