ब्रासीलिया, 7 अगस्त 2025: ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ टैरिफ विवाद पर बातचीत के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया है। अमेरिका द्वारा ब्राजील के निर्यात पर 50% टैरिफ लगाए जाने के बाद उपजे तनाव के बीच लूला ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, *“दुनिया बदल चुकी है, अब विश्व को किसी शहंशाह की जरूरत नहीं। मैं ट्रम्प से बात नहीं करूंगा, बल्कि भारत के पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से चर्चा करूंगा।”
लूला ने साफ किया कि ब्राजील अपने हितों की रक्षा के लिए विश्व व्यापार संगठन (WTO) का रास्ता अपनाएगा। उन्होंने कहा, “हम अन्यायपूर्ण टैरिफ के खिलाफ कानूनी और कूटनीतिक तरीके से लड़ेंगे। ब्राजील झुकने वाला नहीं है।”
ब्रिक्स का नया आर्थिक इकोसिस्टम
इस बीच, लूला ने ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के एकजुट प्रयासों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देश अमेरिकी डॉलर के वैश्विक प्रभुत्व को कम करने के लिए एक नया आर्थिक इकोसिस्टम विकसित कर रहे हैं। इसमें ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी और डिजिटल मुद्राओं का उपयोग शामिल है। लूला ने इसे “वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक नया अध्याय” करार दिया।
टैरिफ विवाद की पृष्ठभूमि
अमेरिका ने हाल ही में ब्राजील के इस्पात और कृषि उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाए, जिसे लूला ने “अमेरिकी संरक्षणवाद” का प्रतीक बताया। इस कदम से दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ गया है। विश्लेषकों का मानना है कि लूला का भारत और चीन की ओर रुख करना वैश्विक व्यापार में उभरते नए गठजोड़ का संकेत है।
ब्राजील अब ब्रिक्स के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर वैकल्पिक व्यापार और वित्तीय तंत्र विकसित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इस घटनाक्रम पर वैश्विक नजरें टिकी हैं, क्योंकि यह वैश्विक अर्थव्यवस्था के भविष्य को प्रभावित कर सकता है।