नई दिल्ली, 31 अक्टूबर 2024, गुरुवार। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने दीपावली पर प्रदूषण के कारण पटाखों को बैन करने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि वे दीपावली विधिवत मनाएंगे और इसके लिए उन्होंने बम पटाखे भी ले आए हैं। यह बयान तब आया है जब दिवाली पर प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए कई शहरों में पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। बागेश्वर धाम के आचार्य पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने दिवाली पर पटाखा फोड़ने के विवाद पर एक मजबूत बयान देते हुए कहा कि सनातनी पर्व आते ही आलोचना करने वाले सक्रिय हो जाते हैं और लोग दिवाली पर दीये जलाने और आतिशबाजी की आलोचना करने लगते हैं। आचार्य पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने सवाल उठाया कि अन्य धर्मों के त्योहारों में जो आतिशबाजी और जीव हत्या होती है, क्या उससे पर्यावरण संतुलन नहीं बिगड़ता है? उन्होंने यह भी कहा कि सनातनी पर्व आते ही कुछ लोगों का पेट खराब होने लगता है, जो उनकी मानसिकता को दर्शाता है। धीरेंद्र शास्त्री का यह बयान सनातन धर्म के समर्थन में दिया गया है और उन लोगों की आलोचना करता है जो दिवाली जैसे त्योहारों का विरोध करते हैं।
सनातन संस्कृति पर सवाल उठाने वाले लोगों के खिलाफ बाबा बागेश्वर का यह बयान महत्वपूर्ण है, जिसमें उन्होंने आतिशबाजी और जीव हत्या के मुद्दे पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अगर आतिशबाजी से पर्यावरण प्रदूषित होता है, तो नए साल के अवसर पर पूरे विश्व में आतिशबाजी होती है, लेकिन तब किसी का पेट खराब नहीं होता है और न ही पर्यावरण प्रदूषित होता है। बाबा बागेश्वर ने यह भी कहा कि बकरीद के अवसर पर जीव हत्या होती है, लेकिन तब किसी की भी जुबान नहीं खुलती। उन्होंने सुझाव दिया कि अगर उस राशि को गरीबों में बांट दिया जाए, तो गरीबों का कल्याण होगा और जीव हिंसा भी बचेगी। उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ सनातन हिंदू धर्म को ही निशाना बनाया जाता है, जो देश का दुर्भाग्य है। दरसल, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और तमिलनाडु जैसे राज्यों में प्रदूषण को कम करने के लिए सख्त नियम लागू किए गए हैं। इन राज्यों में सिर्फ ग्रीन पटाखे ही सीमित समय के लिए जलाने की अनुमति है, जो प्रदूषण को कम करने में सहायक माने जाते हैं। फिलहाल, दिल्ली में हवा की गति और तापमान के कारण प्रदूषण का स्तर नियंत्रित है, लेकिन पराली जलाने की घटनाएं बढ़ रही हैं। पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के मामले बढ़े हैं, लेकिन मौसम की मेहरबानी के चलते प्रदूषण का असर कम है।