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Monday, June 30, 2025

हमास के सहसंस्थापक के बेटे के बयान में शिव, श्रीमदभगवत गीता और कृष्ण का ज़िक्र क्यों ?

हमास के सहसंस्थापक हसन यूसुफ के बेटे मोसाब हसन यूसुफ ने टाइम्स नाउ इंग्लिश पर एक बयान दिया है

इंटरव्यू के दौरान पूछे गये एक सवाल पर मोसाब ने कहा कि इस्लामवाद यानी राजनीतिक इस्लाम हिंसा करके पूरी दुनिया पर काबिज होना चाहता है और हम सभी लोग भारत के अंदर शिव, कृष्ण की उपासना करने वाले, श्रीमदभगवत गीता और उपनिषद को मानने वाले हिंदुओं को अपने साथ जोड़ना चाहते हैं । हिंदू वो महान सेना है जो राजनीतिक इस्लाम की हिंसा को खत्म करने का माद्दा रखती है

ये बयान सुनकर आप चौंक गए होंगे लेकिन ये सच है । दरअसल मोसाब का जन्म 1978 में फिलिस्तीन के रामल्लाह में हुआ था और वो हमास के सहसंस्थापक का बेटा होने के नाते इस्लामी हिंसा और हमास के खून खराबे को देखकर समझ चुका था कि दरअसल दोष गैर मुस्लिमों का नहीं बल्कि इनकी कट्टरपंथी सोच का है

यही वजह है कि हमास के ही कोर टीम में रहकर वो इजराइल का एजेंट बन गया और उसने ईसाई धर्म भी स्वीकार कर लिया । 1997 से 2007 तक गाजा के अंदर ही मोसाब इजराइल की खुफिया एजेंसी शिन बेत के लिए काम करता रहा । 1999 में ईसाईयत ग्रहण करने के बाद भी हमास को मोसाब  पर कोई शक नहीं हुआ ।

हमास के बीच रहते हुए ही शिन बेत की जासूसी करते हुए मोसाब ने कई बड़े बड़े मोसाद कमांडरों को निपटा दिया । और किसी को कानों कान खबर नहीं हुई । साल 2010 में मोसाब ने अमेरिका मे्ं शरण मांगी और वो जान बचाकर भागने में कामयाब रहा और उसको अमेरिका की नागरिकता भी मिल गई

हमास के बीच से ही निकले मोसाब ने हिंदू धर्म की प्रशंसा करते हुए हिंदुओं का आह्वान किया है कि वो पूरी दुनिया से आतंकवाद को खत्म करने में मदद करें !एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्‍यू में मोसाब ने ये भी कहा कि कहा, ‘हिंदुओं को कोई समस्‍या नहीं है, ईसाई और यहूदी भी साथ रह लेते हैं। तो फिर सवाल उठता है कि सिर्फ मुसलमानों की तरफ से ही हमेशा हिंसा क्‍यों होती है। मुझे इस दुनिया में किसी से कोई समस्‍या नहीं है, भारतीयों, ईसाईयों और यहूदियों को नहीं है और सभी एक साथ रहते हैं। ऐसे में हमास और किसी भी और इस्लामी आंदोलन को खत्म करने की जरूरत है। हमें इसे बहुत स्पष्ट और जोर से कहना होगा। किसी भी सूरत में धार्मिक आतंकवाद स्वीकार नहीं है।’

मोसाब के मुताबिक मूल समस्या यही है कि इस्लाम सहआस्तित्व में विश्वास नहीं रखता है ।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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