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Thursday, June 26, 2025

मालदीव का दिल क्यों धड़क रहा है भारत की दोस्ती के लिए? पीएम मोदी को बुलाने को बेताब मुइज्जू!

नई दिल्ली, 2 जून 2025, सोमवार: कभी भारत के खिलाफ तीखी तलवारें भांजने वाला मालदीव अब क्यों भारत की दोस्ती के लिए बेकरार है? राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू, जो कभी भारत को आंखें दिखाते थे, अब हाथ जोड़कर पीएम नरेंद्र मोदी को अपने देश बुलाने को आतुर हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि मालदीव का तेवर पलट गया और वो भारत की चौखट पर दोस्ती का पैगाम लेकर हाजिर हो गया?

पहले आग उगली, अब भिगी बिल्ली बन गए मुइज्जू!

नवंबर 2023 में जब मोहम्मद मुइज्जू मालदीव की सत्ता की कुर्सी पर बैठे, तो उनके तेवर देखकर लगता था मानो वो भारत को ललकारने का कोई विश्व रिकॉर्ड बनाने चले हों! मालदीव में तैनात 80-90 भारतीय सैन्य कर्मियों, जो आपदा प्रबंधन और निगरानी के लिए थे, उन्हें तुरंत हटाने की मांग ठोक दी। इतना ही नहीं, मुइज्जू ने अपने पहले विदेशी दौरे के लिए भारत को ठेंगा दिखाते हुए तुर्की और चीन का रुख किया। उनके कुछ मंत्रियों ने तो सोशल मीडिया पर पीएम मोदी और भारत के खिलाफ ऐसी-ऐसी टिप्पणियां कीं कि भारत में “बॉयकॉट मालदीव” की लहर दौड़ पड़ी। भारतीय पर्यटक, जो मालदीव की नीली लहरों के दीवाने थे, ने मालदीव को नजरअंदाज करना शुरू कर दिया।

बस, यहीं से मालदीव की नींद उड़ी! पर्यटन पर टिकी मालदीव की अर्थव्यवस्था को जैसे करंट लगा। मुइज्जू की सारी हेकड़ी हवा हो गई, और वो अचानक भारत के दरवाजे पर दोस्ती का दस्तक देने पहुंच गए।

पलटी बाजी, भारत बना मालदीव का ‘दिल का रास्ता’

पिछले साल अक्टूबर में मुइज्जू ने भारत का दौरा किया और पीएम मोदी से मुलाकात की। वहां उन्होंने भारत को “करीबी दोस्त” और “महत्वपूर्ण साझेदार” का तमगा दे डाला। बोले, “मालदीव ऐसा कुछ नहीं करेगा, जिससे भारत की सुरक्षा को ठेस पहुंचे।” यही नहीं, दोनों देशों ने मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बात शुरू करने का फैसला किया। मुइज्जू ने तो पीएम मोदी को मालदीव आने का न्योता भी दे दिया। इसके बाद से मालदीव भारत के साथ दोस्ती की डोर को मजबूत करने में जुट गया है।

मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील तो भारत के चक्कर काट-काटकर थक ही गए! “बॉयकॉट मालदीव” के बाद से वो तीन बार भारत आ चुके हैं। हर बार उनके सुर वही—भारत के साथ रिश्ते को और पक्का करना है। हाल ही में उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की और विकास, रक्षा, सुरक्षा, और व्यापार जैसे मुद्दों पर लंबी-चौड़ी बातें कीं। जयशंकर ने भी मालदीव की तरक्की के लिए भारत का साथ होने का भरोसा दिलाया और आतंकवाद के खिलाफ मालदीव के समर्थन के लिए शुक्रिया अदा किया। और हां, खलील ने एक बार फिर पीएम मोदी को मालदीव आने का न्योता ठोक दिया!

पीएम मोदी का मालदीव दौरा: स्वतंत्रता दिवस पर धमाका?

एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, मालदीव ने पीएम मोदी को जुलाई 2025 में अपने देश आने का औपचारिक न्योता दिया है। सुनने में आया है कि 26 जुलाई, यानी मालदीव के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर, पीएम मोदी मालदीव की धरती पर कदम रख सकते हैं। अगर ये दौरा हुआ, तो ये मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद पीएम मोदी की मालदीव की पहली यात्रा होगी। भारत इस न्योते पर सकारात्मक रुख दिखा रहा है, लेकिन तारीख और बाकी ब्योरे अभी पक्के नहीं हुए हैं।

क्यों इतनी बेताबी, मालदीव?

मालदीव की इस बेताबी के पीछे कई वजहें हैं। पहली तो ये कि भारत के पर्यटकों के बिना मालदीव की अर्थव्यवस्था का सूरज डूबने लगा है। दूसरा, मालदीव को अब अहसास हो रहा है कि भारत जैसा पड़ोसी और दोस्त दुनिया में कहीं नहीं मिलेगा। और तीसरा, चीन के साथ बढ़ती नजदीकियां मालदीव को भले ही चमक-दमक दिखाएं, लेकिन भारत की सच्ची दोस्ती और भरोसा उस चमक से कहीं ज्यादा कीमती है।

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