प्रयागराज, 27 फरवरी 2025, गुरुवार। प्रयागराज महाकुंभ से सोशल मीडिया पर वायरल होने वाली हर्षा रिछारिया ने आत्महत्या की धमकी दी है। हर्षा ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो अपलोड किया है और कहा है कि अगर उन्होंने सुसाइड किया तो वो उन लोगों के नाम कागज पर लिख कर जाएंगी जो उन्हें बदनाम और परेशान कर रहे हैं। हर्षा का कहना है कि वे अपने साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ लड़ रही हैं और उन्हें बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। हर्षा ने इंस्टाग्राम पर 2 मिनट 13 सेकंड का वीडियो पोस्ट किया। वीडियो में उन्होंने कहा कि उन्होंने महाकुंभ के दौरान यह संकल्प लिया था कि वे हिंदुत्व के लिए कार्य करेंगी और युवाओं को जागरूक करेंगी। लेकिन कुछ लोग उन्हें लगातार परेशान कर रहे हैं और उनका रास्ता रोक रहे हैं। हर्षा ने यह भी बताया कि उनके पुराने वीडियो वायरल किए जा रहे हैं और कुछ लोग उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने साफ किया कि उन्होंने कभी खुद को साध्वी नहीं कहा, बल्कि वे सिर्फ आध्यात्मिक जीवन अपना रही हैं।
एआई से फेक वीडियो बनाए जाने का आरोप
हर्षा ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ फेक वीडियो बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 10-15 दिनों से कई एडिटेड वीडियो वायरल किए जा रहे हैं। उन्हें हर दिन 25-30 संदेश मिल रहे हैं, जिनमें कहा जा रहा है कि उनकी बदनामी की जा रही है। उन्होंने कहा कि वे अपने संकल्प पर अडिग हैं और सनातन धर्म के लिए काम करती रहेंगी। साथ ही चेतावनी दी कि अगर कभी उनकी मौत की खबर आती है, तो वे उन लोगों के नाम छोड़कर जाएंगी, जिन्होंने उन्हें इस स्थिति तक पहुंचाया।
हर्षा के पिता ने लगाया प्रशासन पर गंभीर आरोप
वहीं दूसरी हर्षा के पापा का कहना है कि 10 फरवरी को उन्होंने साइबर एडीजी को शिकायत की थी कि हर्षा के नाम का फेक अकाउंट बनाकर उसका गलत इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस वजह से सामने वालों का हौसला और बढ़ गया और वे अब एआई से वीडियो एडिट कर बदनाम करने लगे हैं। उनका कहना है कि इस परिस्थिति में अगर मेरी बेटी के साथ कुछ होता है, तो वीडियो बनाने वाले के साथ साथ शासन प्रशासन भी उसकी मौत का जिम्मेदार होगा।
महाकुंभ में साधु-संतों के साथ दिखीं थीं हर्षा
4 जनवरी को प्रयागराज महाकुंभ में निरंजनी अखाड़े की पेशवाई निकली थी। इस दौरान हर्षा रिछारिया संतों के साथ रथ पर बैठी नजर आईं। इसके बाद वे सोशल मीडिया पर चर्चा में आ गईं। जब पत्रकारों ने उनसे साध्वी बनने पर सवाल किया, तो उन्होंने कहा कि वे सुकून की तलाश में यह जीवन अपना रही हैं और अपनी पुरानी जिंदगी को पीछे छोड़ चुकी हैं। हालांकि, इसके बाद उन्हें ट्रोल किया जाने लगा और कुछ लोगों ने उन्हें ‘सुंदर साध्वी’ का नाम दे दिया।
पेशवाई में शामिल होने के बाद विवाद गहराने लगा। आनंद स्वरूप महाराज ने वीडियो जारी कर कहा कि किसी मॉडल को साधु-संतों के साथ रथ पर बैठाना गलत संदेश देता है। धर्म को प्रदर्शन का साधन नहीं बनाया जाना चाहिए। इस विवाद के चलते 20 जनवरी को हर्षा ने कैलाशानंद महाराज का पंडाल छोड़ दिया और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी के संरक्षण में चली गईं। रविंद्र पुरी ने उन्हें अपनाया और चुनरी ओढ़ाकर उनका स्वागत किया।
कौन हैं हर्षा रिछारिया?
हर्षा मूल रूप से भोपाल, मध्य प्रदेश की रहने वाली हैं, लेकिन फिलहाल उत्तराखंड में रहती हैं। वे पीले वस्त्र पहनती हैं, रुद्राक्ष की माला धारण करती हैं और माथे पर तिलक लगाती हैं। इंस्टाग्राम पर उनके लाखों फॉलोअर्स हैं। वे धार्मिक और आध्यात्मिक विषयों पर पोस्ट शेयर करती हैं।