यूं ही नहीं पाकिस्तान आतंकी हमले करता है, इनका पाकिस्तान प्रेम ही आतंकवाद है
नई दिल्ली, 16 मई 2025, शुक्रवार। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती का पाकिस्तान प्रेम एक बार फिर छलक-छलक कर बाहर आया है। लगातार पाकिस्तान के आँसू बहा रही महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर अपनी पाकिस्तान-परस्ती दिखाई है। जब से भारत ने पाकिस्तान की आतंकवादी नीति के खिलाफ पहलगाम हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर चलाया है, तब से पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती पाकिस्तान के बचाव में उतर आई हैं।
पहले भी महबूबा मुफ्ती ने भारत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर भारत सरकार जिस तरह के हमले कर रही है, वे अमानवीय हैं। पाकिस्तान पर कहर ढाया जा रहा है। अब महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की “सीमा पार के लोगों को खुश करने की कोशिश” वाली टिप्पणी पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि “जंग की वजह से सिंधु जल समझौता रोक दिया गया है, लेकिन अब जंग नहीं है और हालात सामान्य हो रहे हैं। कई निर्दोष लोगों ने अपनी जान गंवाई है। ऐसे में उमर साहब का यह कहना कि तुलबुल ब्रिज बनाएंगे, मुझे लगता है, यह एक उकसावे भरा बयान है।” महबूबा मुफ्ती आगे कहती हैं कि मैं चाहती हूँ कि किसी तरह दोनों देशों के बीच अमन और शांति हो जाए। सुकून हो जाए और ऐसे में हमें वह बात करनी चाहिए जो अमन बढ़ाए।
आगे महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि “अभी ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए जो उकसावे को बढ़ाए और जंग जैसे हालात फिर से दोबारा हो जाएं। उमर साहब बोलते हैं कि हम पावर प्रोजेक्ट बनाएंगे, लेकिन हमारे पास सात पावर प्रोजेक्ट पहले से हैं। जब वे सरकार में थीं, तो कश्मीर को सारे तोहफे में दे चुकी हैं।”
महबूबा मुफ्ती भारत सरकार और उमर अब्दुल्ला को सलाह दे रही हैं कि हमारे पास पहले से इतनी बिजली और पानी है, जिसे हम इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं और कश्मीर का बिजली-पानी पूरे मुल्क के काम आ रहा है, लेकिन हमारे काम नहीं आ रहा है।
महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि “मुझे लगता है, यज़ीद नहीं बनाना चाहिए, क्योंकि यज़ीद ने पानी बंद किया था और बहुत-से बच्चे मारे गए थे। आज भारत सरकार और उमर अब्दुल्ला की सरकार फिर से वही दोहराना चाहती है। फारूक साहब बार-बार दोहराते हैं कि ‘बालाकोट से भी बड़ा होना चाहिए,’ तो अब तो हो गया और उसमें बच्चे भी मर गए, महिलाएं भी मर गईं। अब सुर क्या चाहिए उन्हें?”
महबूबा मुफ्ती ने ट्रंप का हवाला देते हुए कहा है कि हालात इतने बुरे हो गए कि यहाँ तक कि अमेरिकी राष्ट्रपति को भी भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य कार्रवाई को रोकने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा।
महबूबा मुफ्ती का कहना है कि हमें ऐसी बातें कहने से बचना चाहिए जो दूसरों को भड़काएं और पाकिस्तान के रोके गए पानी को उन्हें दे देना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि ये वही महबूबा मुफ्ती हैं, जो अफजल गुरु जैसे कई आतंकियों की भी हिमायती रह चुकी हैं। बुरहान वानी जैसे आतंकवादी के पक्ष में ये खुलकर सामने आई थीं और कितने ही आतंकवादियों के जनाजे में इन्हें शामिल होते देखा जा चुका है। महबूबा पाकिस्तान के साथ हमेशा अमन-भरे दोस्ताना रिश्ते की पक्षधर रही हैं।