महाराष्ट्र की राजनीति में लंबे समय से खींचतान जारी है। इस बीच, गुरुवार को बालासाहेब ठाकरे को श्रद्धांजलि देने शिवाजी पार्क पर आए उद्धव और शिंदे गुट के नेता आपस में ही भिड़ गए थे। इस पर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा कि गद्दार और विश्वासघाती लोगों को बाला साहेब के स्मारक पर आने का नैतिक अधिकार नहीं है।
दरअसल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शाम को बालासाहेब ठाकरे को श्रद्धांजलि देने मुंबई के शिवाजी पार्क पहुंचे थे। यहां नारेबाजी के दौरान दोनों गुट के बीच झड़प हो गई थी। बता दें, शुक्रवार को बालासाहेब की 11वीं पुण्यतिथि है।
शिवसेना को बदनाम करने की कोशिश
शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि जिन लोगों ने सत्ता के लिए बाला साहेब ठाकरे के सत्ता के आदर्शों के प्रति निष्ठाहीनता दिखाई है और शिवसेना को बदनाम करने की कोशिश की है। इतना ही नहीं, भाजपा के साथ हाथ मिलाकर शिवसेना को खत्म करने के लिए शामिल हो गए हैं। उन लोगों को बाला साहेब के स्मारक पर आने का नैतिक अधिकार नहीं है। इसलिए लोगों ने इसका विरोध किया। राउत ने आगे कहा कि यह ठीक है कि सीएम आए क्योंकि वह मुख्यमंत्री हैं। लेकिन जो लोग गद्दार और विश्वासघाती हैं, उन्हें यहां आने का अधिकार नहीं है।
यह है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार, सीएम शिंदे के कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं ने नारे लगाए थे कि शिवसेना उनकी पार्टी है। इसी बात से नाराज उद्धव गुट के कार्यकर्ताओं ने गद्दारों वापस जाओ के नारे लगाए, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया था। हालांकि, मौके पर मौजूद पुलिस ने स्थिति को संभाल लिया था। मामले में मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा था कि कानून व्यवस्था बनाए रखना हर किसी की जिम्मेदारी है। कानून व्यवस्था में कोई दिक्कत न हो इसलिए वह एक दिन पहले ही श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। उन्होंने कहा कि वह घटना की निंदा करते हैं। उद्धव गुट के नेता अनिल देसाई और अनिल परब मेरे जाने के बाद पार्क गए थे, उन्होंने नारेबाजी की। शांति को भंग करने का प्रयास किया। यह निंदनीय है।