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Saturday, August 9, 2025

राहुल गांधी ने ‘प्राण प्रतिष्ठा’ को बताया नौटंकी तो काशी का भड़का संत समाज, जमकर सुनाई खरी-खोटी

अफजाल अंसारी को गांजे वाले बयान पर भी लिया लपेटे में…

वाराणसी, 28 सितंबर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अयोध्या में राम मंदिर के भव्य प्राण प्रतिष्ठा को लेकर एक बार फिर सवाल उठाया है। काशी का संत समाज उनके बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने राहुल गांधी को इस मामले में सोच समझ कर बोलने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ऐसे बयान देकर श्री राम से जुड़े लाखों करोड़ों अनुयायियों और उनके भक्तों पर गहरी चोट पहुंचा रहे हैं।

अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के भव्य और दिव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को हुई थी। इस प्राण प्रतिष्ठा की चर्चा पूरे विश्व में हुई थी। दुनिया के कोने-कोने से गणमान्य लोग इस भव्य समारोह के साक्षी बने थे। मगर कांग्रेस के सभी दिग्गज नेताओं ने कार्यक्रम से दूरी बनाई थी। हालांकि, विपक्ष प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बीजेपी और पीएम मोदी पर निशाना साधते रही। इस कड़ी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर विवादित टिप्पणी की है।

हरियाणा में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अयोध्या में बीजेपी क्यों हारी? बीजेपी को जनता ने नकार दिया। राम मंदिर के नाम पर वोट लेने चाहते थे, मगर मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में एक मजदूर नहीं दिखा,बड़ही, किसान कोई नहीं दिखा। बस बीजेपी ने अडानी, अंबानी, अमिताभ बच्चन को बुला लिया। प्राण प्रतिष्ठा में नाच गाना चला, प्रेस वाले हाय-हाय कर रहे थे। ये बीजेपी की रियलिटी है। अब राहुल के बयान पर काशी का संत समाज हमलावर हो गया है। उनके बयान पर काशी के संतों ने पलटवार करते हुए कहा कि राहुल वोट के लिए हिंदू आस्था पर चोट कर रहे हैं।

स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के द्वारा श्री राम जन्मभूमि को लेकर उद्घाटन समारोह प्राण प्रतिष्ठा को लेकर दिया गया बयान आपत्तिजनक निंदनीय और गैर जिम्मेदाराना है। राहुल गांधी को फुर्सत हो तो अज्ञानता से ऊपर उठकर देखें। प्राण प्रतिष्ठा में देश भर से सनातन हिंदू धर्म से जुड़े 159 संप्रदायों में से से 59 सिर्फ आदिवासी बनवासी और अन्य धर्माचार्य पधारे थे। समाज का कोई ऐसा तबका नहीं था जो नहीं पहुंचा था। कलाकार भी अपने गीत सुनाने के लिए पहुंचे थे। नाचने गाने के लिए नहीं पहुंचे थे। स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि मजदूर को ही नहीं डोम राजा तक को निमंत्रण भेजा गया था। पीएम मोदी वहां मजदूरों से अलग से मिले थे। विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन पर भी प्रधानमंत्री ने मजदूरों के साथ ही भोजन किया था। इसलिए अपनी इस अज्ञानता का परिचय उन धूर्त लोगों के बीच ही देते रहिए जिनकी सनातन धर्म में कोई आस्था नहीं है।

समाजवादी पार्टी के सांसद के विवादित बयान पर भी संत समाज नाराज है। अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने चेतावनी देते हुए कहा कि अफजाल नेतागिरी करें संतों की थाली में न झांके। गाजीपुर के सपा सांसद अफजाल अंसारी द्वारा गांजे को लेकर दिए गए बयान से संत समाज में नराजगी है। अफजाल अंसारी के द्वारा गांजे की खपत पर कुंभ को लेकर दिये गए बयान पर स्वामी जितेंद्रनंद ने कहा कि यह बहुत निंदनीय है। अफजाल अंसारी अपने आपको हलाल और हलाला तक ही सीमित रखें। कहा कि संतों की थाली में क्या आ रहा है ये देखने का अधिकार आपको किसी ने नहीं दिया है। कहा अपनी नेतागिरी करिए हिंदू संतों की थाली में न झांकिए।

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