जयपुर, 30 अक्टूबर 2024, बुधवार। बेरोजगारी देश में एक बड़ी समस्या है, जिससे पढ़े-लिखे युवा नौकरी के लिए धक्के खा रहे हैं। कई युवा ज्यादा क्वालिफाइड होने के बावजूद कम सैलरी में काम करने को मजबूर हैं। इस समस्या पर लगातार संवेदनशील होने की अपील की जा रही है, लेकिन राजस्थान में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव गायत्री राठौड़ का बयान विवादित हो गया है। उन्होंने बेरोजगार युवाओं से पूछा कि क्या वे सरकार से पूछ कर पैदा हुए हैं? जबकि, सरकार की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं जो बेरोजगार युवाओं को सहायता प्रदान कर रही हैं। जैसे कि यूपी बेरोजगारी भत्ता योजना, महाराष्ट्र मुख्यमंत्री युवा कार्य प्रशिक्षण योजना 2024, और बिहार मुख्यमंत्री स्वयं सहायता भत्ता योजना। इन योजनाओं का उद्देश्य युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। ऐसे में सीनियर आईएएस का इस तरह का गैरजिम्मेदाराना बयान बेहद निंदनीय है।
सोशल मीडिया पर तमाम लोग पूछ रहे हैं कि यदि सरकार जनता का हित नहीं सोचेगी तो सरकार का मतलब क्या है। विभाग में भर्तियां नहीं होने पर नाराज बेरोजगार युवा प्रमुख सचिव से मिलने पहुंचे थे। इस दौरान एक युवक ने अपना दुखड़ा रोते हुए कहा था कि भर्ती के इंतजार में उसकी उम्र पूरी हो रही है। ऐसे में अब वह कहां जाए। इसी बात पर प्रमुख सचिव बिफर पड़ीं। उन्होंने कहा कि क्या तुम सरकार से पूछ कर पैदा हुए हो।
भारतीय प्रशासनिक सेवा की वरिष्ठ अधिकारी गायत्री राठौड़ पहले वह राज्य में पर्यटन, कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग में प्रमुख सचिव की जिम्मेदारी संभाल रहीं थी। इसके अलावा उनके पास जवाहर कला केन्द्र में महानिदेशक की जिम्मेदारी भी संभाल रहीं थी। इससे पहले वह जीएडी, कैबिनेट, स्टेट मोटर गैराज एण्ड सिविल एविएशन तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में प्रमुख सचिव का कार्यभार संभाल चुकी हैं। उन्हें राजस्थान की तेज तर्रार अफसरों में गिना जाता है। डेढ महीने पहले ही उन्हें चिकित्सा विभाग में लगाया गया है। चूंकि बेरोजगार अभ्यर्थियों का मामला चिकित्सा विभाग से जुड़ा हुआ था। ऐसे में बेरोजगारों ने गायत्री राठौड़ से सामने अपनी पीड़ा जाहिर की। बेरोजगारों को उम्मीद नहीं थी कि उन्हें इस तरह का बेहूदा जवाब सुनने को मिलेगा।