नई दिल्ली, 1 फरवरी 2025, शनिवार। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 18वीं लोकसभा के बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के जॉइंट सेशन में 59 मिनट का अभिभाषण दिया था। उस भाषण पर कांग्रेस नेताओं ने प्रतिक्रिया दी। जिनमें सोनिया गांधी ने द्रौपदी मुर्मू के लिए बेचारी शब्द इस्तेमाल किया। वहीं, उनके बेटे राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के भाषण को बोरिंग बताया। सोनिया और राहुल की टिप्पणियों को अब भाजपा नेता अपमानजनक करार दे रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए ‘बेचारी’ टिप्पणी को लेकर कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी की आलोचना की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि ‘शाही परिवार’ ने ‘एक आदिवासी बेटी’ का अपमान किया है। दरअसल, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति मुर्मु के भाषण पर अपमानजनक टिप्पणी की।
दिल्ली में एक राजनीतिक रैली में पीएम मोदी ने कहा, द्रौपदी मुर्मू जी एक आदिवासी परिवार से आई हैं। उनकी मातृभाषा हिंदी नहीं, बल्कि ओड़िया है। उन्होंने आज संसद को बहुत बढ़िया तरीके से प्रेरित किया और भाषण दिया। लेकिन कांग्रेस के राजपरिवार ने उनका अपमान करना शुरू कर दिया है। राजपरिवार के एक सदस्य ने कहा कि आदिवासी बेटी ने एक उबाऊ भाषण दिया। एक अन्य सदस्य ने एक कदम आगे बढ़कर राष्ट्रपति को एक बेचारा कह दिया। उन्हें एक आदिवासी बेटी का भाषण उबाऊ लगता है।
देश के 10 करोड़ आदिवासी भाई-बहनों का अपमान
पीएम मोदी ने कहा, यह देश के 10 करोड़ आदिवासी भाई-बहनों का अपमान है। यह देश के हर गरीब व्यक्ति का अपमान है…उन्हें लोगों को गाली देना, विदेशों में भारत को बदनाम करना और शहरी नक्सलियों के बारे में बात करना पसंद है। दिल्ली को बहुत सतर्क रहना होगा। हार के डर से इन दो अहंकारियों ने हाथ मिला लिया है।
जानिए सोनिया गांधी ने क्या कहा?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संसद में संयुक्त अभिभाषण पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सोनिया गांधी ने कहा, अंत तक राष्ट्रपति बहुत थक गई थीं…बेचारी, वह मुश्किल से बोल पा रही थीं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए ‘बेचारी’ शब्द का इस्तेमाल करने पर कड़ी नाराजगी जताई है। नड्डा ने इस टिप्पणी को आदिवासी समाज का अपमान बताते हुए कांग्रेस से बिना शर्त माफी की मांग की। उनका कहना था कि सोनिया गांधी का बयान कांग्रेस पार्टी की गरीब विरोधी और आदिवासी विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस बयान की निंदा की। उन्होंने कहा, मैं और भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता भारत की माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी के लिए सोनिया गांधी द्वारा ‘बेचारी’ शब्द के प्रयोग की कड़ी निंदा करता है। इस तरह के शब्दों का जानबूझकर प्रयोग कांग्रेस पार्टी की अभिजात्यवादी, गरीब-विरोधी और आदिवासी-विरोधी प्रकृति को दर्शाता है।
राष्ट्रपति भवन की प्रतिक्रिया
कांग्रेस की सीनियर नेता सोनिया गांधी ने बजट सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि वह अपने भाषण के दौरान थक गई थीं। अब इसे लेकर वह बुरी तरह घिर गई हैं। भाजपा ने तीखी आलोचना करते हुए माफी की मांग की तो परंपरा से अलग हटकर सीधे राष्ट्रपति भवन ने ही सवाल उठाया। राष्ट्रपति भवन ने कहा कि सोनिया गांधी के बयान से मर्यादा खत्म हुई है। बयान जारी कर राष्ट्रपति भवन ने कहा कि ऐसे खराब बयान से बचा जा सकता था। इससे राष्ट्रपति भवन की गरिमा तार-तार हुई है। दरअसल मीडिया से बातचीत के दौरान सोनिया गांधी ने कहा था, ‘पुअर लेडी। वह बहुत थकी नजर आ रही थीं। वह बड़ी मुश्किल से बोल पा रही थीं।’ वहीं, राष्ट्रपति भवन ने भी इस टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा कि यह उचित भावना नहीं रखती। इसमें कहा गया है, संसद में माननीय राष्ट्रपति के अभिभाषण पर मीडिया के समक्ष प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस पार्टी के कुछ प्रमुख नेताओं ने ऐसी टिप्पणियां की हैं, जिनसे स्पष्ट रूप से उच्च पद की गरिमा को ठेस पहुंची है और इसलिए ये अस्वीकार्य हैं।
मां को बचाने आई प्रियंका
सोनिया गांधी के विवादित बयान पर उनकी बेटी और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी ने उनका बचाव किया है। उन्होने कहा कि उनकी टिप्पणी को गलत तरीके से दिखाया जा रहा है। इसकी गलत व्याख्या दी जा रही है। सोनिया गांधी के बयान पर पूछे गए सवाल पर प्रियंका ने जवाब दिया। उन्होने कहा कि उनकी मां 78 वर्ष की महिला हैं और उन्होने बहुत साधारण तौर पर कहा कि इतना लंबा भाषण देने की वजह से वे थक गई होंगी।