उन्नाव, 23 सितंबर। सुल्तानपुर में ज्वेलर्स की दुकान में डकैती डालने वाले अनुज प्रताप सिंह को भी पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया है। एसटीएफ की टीम के साथ आरोपी अनुज और उसके एक साथी की उन्नाव जिले में मुठभेड़ हुई, जिसमें अनुज को एसटीएफ की गोली लगी। जबकि दूसरा भागने में कामयाब रहा। अनुज पर एक लाख रुपए का इनाम था। इससे पहले इसी डकैती में जौनपुर के मंगेश यादव को एसटीएफ ने मुठभेड़ में मार गिराया था। जिसे लेकर यूपी की सियासत गरमा गई थी। सपा मुखिया अखिलेश यादव यूपी एसटीएफ पर लगातार जाति देखकर एनकाउंटर करने का आरोप लगा रहे थे।
खबरों के मुताबिक, अनुज को सोमवार तड़के करीब चार बजे उन्नाव के अचलगंज थाना क्षेत्र में घेर लिया गया। पुलिस के मुताबिक उसे सरेंडर करने को कहा गया लेकिन जवाब में उसने गोली चला दी। इसके बाद पुलिस की फायरिंग में वह मारा गया। अमेठी के रहने वाले अनुज प्रताप सिंह के सिर में गोली लगी है। गोली लगने के बाद पुलिस अनुज को लेकर जिला अस्पताल गई जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बात दें, अनुज सिंह अमेठी जिले के जनापुर का रहने वाला था। वह सुल्तानपुर डकैती गैंग के सरगना विपिन सिंह का सबसे करीबी व्यक्ति था। दोनों अमेठी का रहने वाले थे। सुल्तानपुर से पहले सूरत में भी इन्होंने डकैती को एक वारदात की थी। विपिन सुल्तानपुर डकैती के बाद कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। उसे भी एनाकाउंटर का डर था।
सुल्तानपुर डकैती केस में वांछित अनुज प्रताप सिंह के एनकाउंटर के बाद पिता धर्मराज ने आरोप लगाते हुए कहा कि चलो अखिलेश यादव की इच्छा पूरी हो गई। धर्मराज सिंह ने कहा कि विपक्ष ने कहा था केवल जाति विशेष का एनकाउंटर सरकार करवा रही। आज देख लीजिए ठाकुरों का भी एनकाउंटर हो गया है। कम से कम ठाकुरों का एनकाउंटर करके उनकी इच्छा की पूर्ति तो हो गई। जिनके ऊपर 35-40 केस हैं उसका एनकाउंटर नहीं हो रहा है और जिस पर 1-2 केस हैं, उसका एनकाउंटर कर दिया जा रहा है। सरकार की जैसी मर्जी हो, वो वैसा कर सकती है।
सुलतानपुर में सदर क्षेत्र के ठठेरी बाजार में सर्राफ भरत जी सोनी के यहां 28 अगस्त को दिनदहाड़े पांच नकाबपोश बदमाशों ने असलहे के बल पर भारी मात्रा में सोने-चांदी के आभूषण व तीन लाख रुपये लूट लिए थे। डकैती कांड की बाद से ही पुलिस की कार्यशैली को लेकर सवाल उठ रहे थे। पुलिस ने मामले में वर्कआउट करते हुए मास्टरमाइंड सहित कई अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। डकैती कांड में शामिल एक लाख के इनामी मंगेश यादव को पुलिस ने एनकाउंटर में पहले ढेर कर दिया था। अखिलेश यादव ने इसको लेकर एसटीएफ पर गंभीर आरोप लगाए थे। अखिलेश ने मंगेश यादव के एनकाउंटर को फर्जी बताया था और कहा था कि एसटीएफ लोगों के सरनेम देखकर मारती है। यादव होने की वजह से मंगेश को मार दिया गया जबकि ठाकुर होने के चलते डकैती कांड के अन्य आरोपियों के पैर में गोली मारी गई या उन्हें सरेंडर करवा दिया गया।